संस्कृत स्वयं शिक्षक भाग - 1 | Sanskrit Svayam Shikshak Bhag - 1
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
214
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)[ ३२०2 ] जा
१० स साय॑ तन्र मसीपायं लेखनी च नेष्यति-व६ शाम कर
चद्दा दवात और लेसनी ले जायगा।
११ ले राजौ हरिदारं गमिप्यसि क्िंलत र्रि में दरिदा
जाण्गा क्या ९
१२ नहि, अहं श्यः मध्यादं तत्र गमिप्यामितनहीं मैं कल
दोपहर को वहा जाऊँगा ।
१३ भद्द गृह गमिष्यामि छप चू भक्तयिष्यामित्ती घए जाऊँगा ”
और दाल खाऊँगा )
इस समय तफ पाठ को कपस बहुत फुऊ वाक्य बनान का
मसाला पहुँच चुका है। पूर्व पाठ मे जैसे 'देवः शब्द, डी सार्तो
विभक्तियोंक रूप दिये थे बैठ इस पाठ में राम शादक रू। दैं+
राम! शब्द क रूप ९
बिभक्तियों के नाम शब्दों क रूय मापामें अर्थ
१ प्रथमा राम रा
२ डितीया रामम 1 ।
३ घृतीया रामेण शाम द्वारा
४ चतुर्थी गामाय राम ब लिये
४ पचसी रामातू रामस
ह पष्ठी गासस्य गाम का
७ सप्तमी ग्मे « गम में
सम्बोधन (दे) शाम । है गम ।
देव ओर गाम इन दो शब्दां करूप झगर पाठक अच्छी
अफार स्सररए0 करेंगे ता थे निम्न शब्दों के रूप बना सके ।
# जिन शब्दों से र ध्थवा प टुच्आ परता है उनके ल को ण
हो जाता दे । इस विषय का नियम स्वयं शिक्षक
ही जावा ब्यं रोचक के दूसरे भाग
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