पउमसिरिचारिउ | Paumasirichariu

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Paumasirichariu by श्रीयुत मधुसूदन - Shriyut Madhusudan

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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किंचित्‌ प्रात्ताविक ६९ प्रदोी तपासी हती तेमाथी “गुजराती भाषाना सादिय अने इतिहास बास्ते भणा अगदना! एवा केटलाक पुलकोनी तेमणे सास नॉथो लीवी हती एनॉघोना आधारे तेमणे, सुरत खाते भराएली 'पाचमी शुजणती साहिल परिपट्‌*सा वाचपया साठे #४पाटणना भंडारो अने खास करीने तेमा रहेलु अपश्रद्य तथा प्राचीन ग्रुज- राती साहित्य” ए नामनो एक विस्तृत निबन्ध लख्यों हतो, जे प्रड़ोटरामाथी प्रकट थता 'छाईनेरी मिसेलेनी! नामना पत्रमा छपायो हतो ए निबन्धमा, पाठटणना भडा- शोेगा तेमने रष्टिगोचर थएल़ी अपभ्रश भाषानी सन्देशरासक, वज्जस्वामिचरिय, अत> र्गसधि, चडरगंसधि, सुठसाग्यान, चघरी, भावनासार, परमात्मप्रऊाश, आराधना, मयणरेह्रासधि, नमयासुन्दरिसधि, तेम ज भविस्सयत्तकहा, पउमसिरिचरिड ० इत्यावि नानी मोटी एवी कोई ७५-८० जेटती कृतियोनी नोध फरवामा जापरी छे १९ डॉ० याकोीवीने धनपालछकविकृत अपश्रश “भविस्सयत्त कहानी जे रचना सती हृती अने तेना विषे तेमणे जे आनदप्रदशक उद्दार, सुबइमा उक्त लैन सभा आदयद्, प्रकट कर्यो हता ते श्री दछालनी जाणमा आज्या हवा भत्ते तेधी तेमनो रस पण ए सादिल्यनी शोध तरफ विशेष बध्यो दतो, एटले तेमने पण पाटणमाथी ए धन- प्रालमी 'बहानी एक जूनी प्रति ज्यारे दृष्टिगोचर थई द्यारे खून ज आनन्द धयो हसो २० जर्मनी युरोप साथेगी ठडाईमा भयकर रीते सडीवायु हतु अने ढाँ० यावो- पीदारा धनपालनी 'भविस्सयत्त वह! क्‍्यारे प्रकाश पासे तेती कशी क्टपना थती न हती, तेधी भी दलाके ए 'पद्दा ने, तेमना सपादकत्वनीचे शर करवामा जायेढी गायक- घाइस्‌ ओरिएन्टछ सीरीक्ष' मा प्रकट करवानी योजना करी दुभाग्ये ए भन्धनों मूछ भाग छपाईने तैयार थवा आब्यो तेटडामा, भाई श्री दछाछनों १९१८ ना इस्पल्युएजाएं क्षकाके भोग छीघो तेवी पछी पूमानी फ्युसन बॉलेजना सस्झता- अध्यापक ख्व० डॉ० पाण्डुरग गुणे द्वारा प्रस्तायना विगेरे साथे सपादित धई ए अन्ध प्रकट थयो न मत ४ मकर न्‍प 1 ++- थम मे नर मकम मल रयलि पे [1 धनपारनी ए हृति 'गायक्वादस्‌ ओरिएटड सीरीक्ष' मां जे रीते प्रकट थइ प्रकाशर्मा भावी ऐ लेनी पाएछ थोडोक इतिद्वास छे जेमां मारो पण पांइक सय-य रहेलो छ भाई श्री दलाल सायेना मार विशिष्ट ख्ेदर्सव“घनी मधुर स्मृति, ए संव धने व्यक्त करवा भने जहिं खास प्रेरणा करे छे भाई भ्री दलाडे 'पाटणना भदारोमाना अपूय प्रयो/ विये उक्त नोथो साथे पोतानों ओे रीपोर्ट भ्ीपया- जीराव गायकवा “ने पेश क ये इतो, तेना अवछोकनथी ते विद्यात्रेमी ने संसश्षतिरतिक दृपतिते, ए प्रयोने यपाशकय प्रकट करवानी भावना थरं, अने सेथी तेमने माइतोर, श्रावणज्ोर बिगेरे राज्यों तरफ्भी आषीन सादियने प्रकाशर्मा छावनारी जेवी प्रायमाराओ श्रकट चाय हे तेवी एक प्र-यमाटा पोताय ( एस्डे के यडोदरा ) राश्य तरफ्थी पण प्रकट करवागी इच्छा उत्पन्न पई बढ़ोदर सेंट्रल राव्रिरीनी (झारे भरऐेशना विमान 'भोरिएटल इसस्टीव्यूट' नी योजना यश मे दृती ) ब्यवस्था मीचे, गाय भाइस्‌ भोरिए दल धीरीश' ए नामे प्रथमाता प्रकट करवानी मदाराजाए भाज्ा करी भने शेख मुझु्म स्ेपादुक तरीके श्री विम्रनछाल दरारमी नियुक्ति करवार्मा आवी पडस» ख $ २




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