संस्कृत स्वयं शिक्षा भाग 1 | Sanskrit Swayam Shikshak Bhag 1

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Sanskrit Swayam Shikshak Bhag 1  by श्रीपाद दामोदर सातवळेकर - Shripad Damodar Satwalekar

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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। ९ अहं मम गृहं इदानीं एवं गच्छामि । २ त्थ॑ मम गृह इृदानीं एव आगच्छसि किम १ ३ स पुरुष) मां यदति। ४ अद्द नगरात्‌ नगरं गच्छामि । ५ सम गई शोभन नास्ति किम ९ १ में अपने घर अभी आता हूं। २ क्या तू मेरे घर अभी आता हैं 1३ वद्द मनुष्य मुझसे कहता हैं । ४ मे शदरसे ( दूसरे ) शहर जाता हूं । «५ क्या मेरा घर सुंदर नहीं है * भव हुस अवसरपर एक दो शब्द ध्यानमें रखिये । सह- साथ सकाशात्‌ - पाससे साके-,, सत्वरं- शीघ्र * प्रत्ति - भ्रति दत्त; - दिया हुआ कृत: - किया हुआ उक्त - कहा हुआ गतः - गया ,, । आगत; » आया हुआ। १ सथा सह स पुरुपः आगच्छाति। २ स सम सका- शात्‌ सत्वरं गतः | ३ मया रामाय फर्ले दत्तम्‌। ४ भूपेन महा धर्न दत्तम | ५ मया उक्त । ६ सया हते। ७ मथा इदानीं एव कृतम्‌। ८ मया साऊ स न गचझति । १ मेरे साथ बद पुरुष आता है। २ बह मेरे पासमे पीम ग़या। ३ मैने राबके लिये फठ दिया। ४ राज्ाने मेरे लिये धन दिया | ५ मैंने कद । दे मेंने किया 1 ७ मेने अभी किया | < मेरे साथ पढे नहीं जाता है ।




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