वैज्ञानिक परिदृष्टि | Vegyanik Paridrashti
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज़ :
4 MB
कुल पृष्ठ :
177
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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2 घूढें आरोपी वे हि. रक्षा बर सदी जिनमे यद पढे!
गया था वि तुमने अपनी सम्भतिंगी त्याग दियी और
तुम्हे घ द्वारा दिया गया हैं? प्रमाणपत्र में. हे
च्चे गई है तिय।ण तो तुमने अपनी दापथपूर्वक
त्याग दियी टू सुम्ह दण्ट द्वपा गयीं कक पविश्रात्मा
धोप हार्णि धरम संघ मे चात्ाओं द्वाण
छोपणा पुल सुनाई गई जिसमे कहा कि पृथ्वी
दी गंतितिलती और सः (रद्वान्त घूव्ित्र धर्म
ग्रयो वे पर, न तो; उसे स्वीचा जिया जी
सकता हैं. भर उसकबा (दया जो सर्वे डमलिए+
चुत अत प्रमाणपत्र मे कषदेश वे थी न्ष्यमा >-अथात
ईनिला ने देंगे और 'विंगी जी ब-+उ नही तियीं
गया इतर तुमने महि. पट वियी छ़ हमे मे
चारदटिए प्छोः चौदट मी सालह. है टम्वी मे यह
आ्तनियर्ण दुष्ट याद नहीं रहे व यही (क जब तुमने
अपनी पुस्तक नत बरले वी इन आदी
गत हो रह, औस यश भी अपनी
डर भाषी दे लिए नही दिया, बियी व दम भूर
बए वारण झूठे आत्म/ पर्व वी महत्वावाी वो मात न
कमी प्रकार दुर्भावता बोध तुम्हारे प्रस्तुत लिए,
गए प्रमाणन मे हो तुम्हारे अपराध वो वह र्गाः गम्भीर वनों
दिया ढैं। बयोति इसे यह बी गई हैं. न
पूदित्र धरमंग भी प्रतिहूर्स ्क्प्भो उस सम्म्ति
वा विंवेवन और ते बा दुस्ताही क्या दें. कक यह
सम्माव्य सरम्माति है.। पोज और जो
व सुंस प्राप्त वर रिया उसमे भी पुम्हारे क1 दँल्वा
करनेवारी बोई बात नहीं है. वयोति र्माः बो लुपते उरी
आादेट के कि नहीं दी जी तुम्हारे ऊपर जा द्वया जा चुबा
था। पति च्वि हमें ऐसा त् अपने
मम्यूण से मे वा नहीं दिया इसलिए, इमने यह. आवदश्य
दक्ष तुम्हारे आाति परीशा ही जाए परी
वे दौरान वी जो 5ुछ स्वीवार ने: (टिया है. औए जिम
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