निरुक्त्त ऑफ़ यास्का [चैप्टर्स -1,2,3,4 & 7] | The Nirukta Of Yaska [Chapters -1,2,3,4 & 7]
श्रेणी : संदर्भ पुस्तक / Reference book
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
5 MB
कुल पष्ठ :
318
श्रेणी :
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लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :
उमा शंकर शर्मा 'ऋषि' - Uma Shankar Sharma 'Rishi'
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यास्काचार्य - Yaskacharya
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)आओ,
तृतोय-परिच्लेद
निरूक्त कीं विपय-वस्तु
[ के ] प्रथम अध्याय
[ प्रथम अन्याय--इस रा तुलना--निषण्दु की रूपरेसा, आन्तरिक
तथा धाह्य>पद भेद--माम और आरयात--उपसर्ग--निपात और
उनके भेद--शाद नित्य हे या अनित्य ?-पतख्नलि--स्फोटवाद--
सीमासकों को युक्ति-प्लेटो--भाषा म मनुष्या और देवताआ फा
ऐेफ्य--भाय विकार--शब्दा या घातुत्र सिद्धान्व--शाफटायन और
गाग्य-गाग्ये का पृर्पक्ष-यास्त्त के उत्तर-सभो शाद्गा फो घातुज
मानने फे कुफल-सिद्धान्व को विशेषता-निम्क्त को उपयोगिवा--
सन््त्र निरर्थक दूँ या साथर ?-कौत्स या पृव॑पक्ष और यास्क्र था
उत्तर | ]
इस परिच्छठ में हम निरक्त कअ तरद्भ मांग वा अर्थात उसदी विपय
वह्तु दा ध्रालोचतात्मर अध्ययन बरग। सुविधा थे छिए प्रह्तुत सस्व॒रण ये
अध्यायों ( प्रधम चतुथ गतम ) क। ही हम अरे अध्ययन कप से रंग ।
आग घढ़ कर हम पराथंय कि सम्यूश निदण बा परिचय पाने बे लिए इन
अध्यायों का ही अध्ययन पर्यालत है ॥
चकि निरक्त क दितीय अध्याय व दिनोय पाल से निपण्टु के धाम्हो वा
ह्यास्यान आारस्म हुआ है अवएव सब तक निश की भूमित्रा ही वणित है--
पद हम ऊपर देख बाद हैं । पिशक व लिए आय वस्तुओं था गवरन
बरते यारत ने अपन अमित्रा खक्ड मे पर्याल प्रद्ात डाएटा है भौर यह भो
एस ग्रदार कि णुछ ओर जानते बे) बचता ही नहों ॥ निगत्त बा मारराथ
धएी उमशा आधार घाहि शैसी नमिव्रा मता बथित है। निरक्त बे प्रधम
धध्याय की मुज्ता सधवनगाहिए ढ़ उनववोरि रे माप्यों जी भूमि य
कीजा सदठा है। थे भमिष्तय है--महामाष्य की पस्यशाद्विब भमिता
वद्धयादाय की आारीरक मो्मासा मझात्प ममिक्रा रामानज का ब्रह्ममृत्रवाध्य
मूमिणा ( ब० सू० १1१३ १)श और सापथ को देल्मान्य मुमिद्रायें 4९ जिस प्रदार
रे ज््ऋचणज््त्किःतित हा एहईलमान्पमूमिकममर', सम्पत्क प्र० दल रद उपाण्णग्य 1
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