नाम - माला का सरल हिन्दी अनुवाद | Nam - Mala Ka Saral Hindi Anuvad
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
102
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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तत्पुत्रो -सैन्मथः कामः, सपंकारिरनस्थजः ।
कायप्रथधाघय-राइहता, सकरा झभकदकरध्वज्ञ। ॥ ७७ ॥
भाषार्थ--इन छृष्णके नामीके श्रांगे पुत्रों शब्द जोड़े
“देनेते ऋष्णपुत्र आदि तथा मन्मथ; काम, सर्षकारि, भ्रनन्यज,
तथा काय (शरीर) के नार्मेकि आगे 'शहित' शब्द जोड़ देनेसे काय
रहेते (अकाय ) शरीरराहित ( अशरीर ) आदि और मकर,
मकरघध्वज ( १० ) ये सब कामक नाम हैं ७७॥ ह
शिलीमसुख! शरों बाणों, सागेणो रोपण; कण! ।
इष; काण्ड क्लरप्रजश्च, नाराच तासर खगः ॥७प्ते
भाषाथ --शलामुख, शर, बाण, भागण, रापण, करण, इथ,
(8० ) काएड, क्षरप्र, नाराच, तोमर, (न० ) खग (पर०) ये
बाण के नाम हैं॥ ७८॥
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कामुक धन्च घाप-च, धर्म कोदण्डकं धनु) ।
' छिलोझुखादेरासनं, तत्मोटिमदिनीं बिदु।॥ ७६ ॥
',... भाषार्थ--कार्मुके, धन्वन, (न०) चाप, धनुष ( पु०नै० )
छः
धर्म, कीदण्डक, और शिलीमुख आदि बाणके नामोंके आगे
आसन शब्दक जांड देनेंस शिलीमुखासन, शरासन आदि (न० )
धनुषक नाम हो जाते है ओर धर्नुष्रका कोटि ( कोश ) को अटनी
कहते है ॥ ९७६ ॥ *
पुष्प सुमनस; फुल्ल, छतान्तं प्रसवोद्ममौ |
प्रसून कुसुम ज्षें, त, दाचस्त्रदर। समर: ॥ ८० ॥|
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