नाम - माला का सरल हिन्दी अनुवाद | Nam - Mala Ka Saral Hindi Anuvad

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Nam - Mala Ka Saral Hindi Anuvad  by घनश्यामदास जैन - Ghanashyamdas Jain

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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न भसाषाथे । श्ष #5ती5ञी3 305८5 5टी तीस ५ती5॑ हज उप बटीआटी स्‍ट जल 5 ्श्यय््य्य्य्य्य्््श्््् न लञ लत कल न नल ल >> न 9>> >> >> «नं + वन >+ मन +नननन- न-+मतमंनन_- पक न कप कनम5+1+++पभमनभ++ नमन कक ++ मकान तत्पुत्रो -सैन्मथः कामः, सपंकारिरनस्थजः । कायप्रथधाघय-राइहता, सकरा झभकदकरध्वज्ञ। ॥ ७७ ॥ भाषार्थ--इन छृष्णके नामीके श्रांगे पुत्रों शब्द जोड़े “देनेते ऋष्णपुत्र आदि तथा मन्मथ; काम, सर्षकारि, भ्रनन्यज, तथा काय (शरीर) के नार्मेकि आगे 'शहित' शब्द जोड़ देनेसे काय रहेते (अकाय ) शरीरराहित ( अशरीर ) आदि और मकर, मकरघध्वज ( १० ) ये सब कामक नाम हैं ७७॥ ह शिलीमसुख! शरों बाणों, सागेणो रोपण; कण! । इष; काण्ड क्लरप्रजश्च, नाराच तासर खगः ॥७प्ते भाषाथ --शलामुख, शर, बाण, भागण, रापण, करण, इथ, (8० ) काएड, क्षरप्र, नाराच, तोमर, (न० ) खग (पर०) ये बाण के नाम हैं॥ ७८॥ # ही कामुक धन्च घाप-च, धर्म कोदण्डकं धनु) । ' छिलोझुखादेरासनं, तत्मोटिमदिनीं बिदु।॥ ७६ ॥ ',... भाषार्थ--कार्मुके, धन्वन, (न०) चाप, धनुष ( पु०नै० ) छः धर्म, कीदण्डक, और शिलीमुख आदि बाणके नामोंके आगे आसन शब्दक जांड देनेंस शिलीमुखासन, शरासन आदि (न० ) धनुषक नाम हो जाते है ओर धर्नुष्रका कोटि ( कोश ) को अटनी कहते है ॥ ९७६ ॥ * पुष्प सुमनस; फुल्ल, छतान्तं प्रसवोद्ममौ | प्रसून कुसुम ज्षें, त, दाचस्त्रदर। समर: ॥ ८० ॥|




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