मरुदेवता का मंत्र संग्रह | Marudevta Ka Mantra Sangrah

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Marudevta Ka Mantra Sangrah by श्रीपाद दामोदर सातवळेकर - Shripad Damodar Satwalekar

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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वीर मरुतोंका काव्य । वीररसपूर्ण क/व्यके मनन से उपलब्ध वोध। 5० श ५ हि महिलाओंरा वर्णन नहीं! पाया जाता है । डिसी भी बीर-गाशा में मरिषों का उछेय पु ने एश् दंग से भपइप ऐ उपएब्य होता दै। पंपसद्राशाम्प या न्यू दाप्यों का निरीक्षण कारनेपर शात दोता दे छि उन में दीरों के वर्णन के शाप दो साथ वनरी म्ेवसियों का बखान भयदप ही डिया दे । ध्लियों वा पर्णन ने दिया दो ऐसा शायद एश४ भी यीर-याग्य ग्ी पाण जाएं दे । यदि एस नियम का कोई भपवाद भी दो, गो उफसे इस जिपमड़ी ही विद्धता होती है, ऐसा कहना पएेगा। छग मगर ३७ ऋषिपोंने दस मरदेवता-विपपत्र बार का समय डिषा दे देसा ज्ञान पता दे ( देखो पर४ ३९४ ) भीर अगर इस संख्या में सप्तर्षपों का भी भन्‍तभोपत शिया जाप तो समूपे ऋषियों दो संपपा ३४ हो जाती हे । प्र बे थी भाधपे छी बाग दे कि इतने इन ३४ क्रदिपों के विधिए डास्य में एक भी क्षय सदयों के सतैेगश्व का निर्देश ग्दीं डिपा है। ऐसा ऐो नहीं फद्टा जा सझ्या हि फ्रधि स्त्रेग/३ “८ का पा) दी ने छरते थे, कपोंदि इन्दी ऋषियों ने इखया घर्णन करते समय रिर्हों सेशोर्में ठप पर रवेगरयका भारोप किया दे। मित ऋषियों नि इस्द्र का स्टरणशय बढाने में झानाडानी नहीं शो, रेड्डी मदरों का एथत करनेें झारश। 4 छेद मात्र भी रछेंख नहीं करते 1६ पसे यह स्पष्ट दीगा का अन हे है हि मरा के भघुशासरपूर्ग बहोय में स्थगाय वे लिए ता तत ८... .+--६--४+८7८००---८:. हम पहले शी गरत्‌-रेदता के सम्झ्रों का भस्वए, अर्थ शिखर अगई नहीं थी। ध्यान में रद हि सदा धखद के और टिप्पणी पेपर दे चुठ्े हैं। पदों के भर्धझा दिचार, सैनिद दे भोर ये अपने सविड्ीय भीयत में स्प्रेण'य से घुझापितों का निर्देश एवं पुनदक मस्त ढा समखय भी डोधों दूर रहते थे । भाग इस योएप के तथा भारटेलिया इ्दानप्रेश शो धुशा हे। भद हमें संसद में देखना है हि सह्ण भग्य मिने जाते गछे रो के पतिकों दा भव प्रन डन सब का ध्यानपूर्जड भप्ययत छर छेनेसे इसे झौनसा झरते हैं, तो पठा चढ़ता दे कि यदि ये नगों में धूमने- बोप मिल सडता है; इस मदद-शासद में अन्य काम्योदी डिस्‍्ते छरें भौर रुढीं मशिछ्ओों पर ठनडी वियाद पढ़ जदेक्षा भो पक भनूरी विभिदृता दीख पढदी है, पह़ यों. जाए तो भछठम्प एुवं उष्पूंपछटापूर्ण बर्ताव बरने में द्विच- है $ इस काप्य भे- डिचाओे नहीं । बद बात सबड़ो शात दे, भत दस साइरय रा े




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