ब्राह्मण सर्वस्व | Brahman Sarvasva

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Brahman Sarvasva by पं. भीमसेन शर्मा - Pt. Bhimsen Sharma

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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विषय-सूची । ->सछ॥ स्का १-मंगलाचरण 9० न 1 न है ढंग *%.. ०४०. ४०60 «० ५३७ ' सूखरणणश्रमधर्म ०७ ही ह० कण 1 - -+- - + + ७८० ३-भहीर तथा गहरिया जाति किस वर्णमें है पक, - जे पड 3 प्‌ ४-हिल्दी निरुक्त (नेघण्टुक काण्य) हा हा ह»+....««« दुष्ट ०-शोकाअलिः [ रुद्रदत्त मिश्र 1 7 है *« * .,. * , :प६६' &-मूतिपूजा [ जय॑बन्तराम वी, ए, वी, टी, ] ५ ३ ७-ईशविनय [ हरिदेव त्रह्मचारी 1 3 ी हे ह० नए ०० ० ३० ८-क्पा चर्ण परिवर्तत होसकता है [ प० छुलसीराम शर्मा 1 0 हा ३२ ६-संखारभर के आर्यसमाजियोंसे प्रक्त | चि० हुर्गादत्त शर्मा ] ४ * ««* ३३ १०-ऋग्वेद संहिता पर सम्मति [रामचिलासजी] :** «६ :* ** ३४ ११-शिवद्त शर्मा की घ्तता (दाताराम पाठक) “४ *४ ** ञ५ १५-समाचाराचली * «* रूई. अबम #«४ जड़ * ३६ त्राह्मणसवंस्व के नियम । 2५०: (१) श्राह्मणसबंख प्रतिमास प्रकाशित होता है। (२) का सह्दित इसका वापिंक मू० २) और नगरके श्राहकोंसे २) २० दिया जाता है। (३ ) नमूने की एक प्रति ४) का टिकट आने पर भेजी जाती है । (४ ) भागामी अड्डू पहुंचजाने तक जो पिछला अड्डू न पहुंचनेकी सूचना देंगे उन्हें पि- उल्ला अड्डू विना मुल्य मिलेगा । देर होनेपर ४) प्रतिके हिसावसे मू० लिया जावैगा। (५ ) राजा रईस लोगों से उनके गौरवार्य चार्पिक ५) र० लिया जाता है ! (६) पता अधिक काल के लिये बदलवाना चाहिये थोड़े दिनोंके लिये अपना प्रवन्ध करना च्यहिये। ता (७ ) विज्ञाएन एक ऐजले कम छुपाने पर एतिलाइन ४)॥ तीन मास तक ४)। ६ मास तक ४) लिया ज्ञायगा | * (८ ) एकवार १ पेज्ञ पूरा छपाने पर ३) तीन माप्त तक ८) ६ मास तक १७४) जौर १ वर्ष तक छपाने पर २७) होगा | ' (६ ) विज्ञापन वदाई एक बार की ८) रप्या होगी. शश्लील और मूठे विज्ञापन नहीं बादे जायगे।




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