श्रीशुक्लायजुर्वेद संहिता | Vajasaneyi Shrishuklayajurved Sanhita

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Vajasaneyi Shrishuklayajurved Sanhita by पं ज्वालाप्रसाद जी मिश्र - Pt. Jwalaprasad Jee Mishra

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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के है अवश्यह्छब्य, 5 खव॒इयद्रछूव्य, स्डू७ पथ टन 1 अंस्वाक शुद्णालये वेद-वेदान्त-पर्मशास्त-प्रयोग-योग साँख्य-ज्योतिष-पुशणेतिहास-वैद्य-संज-स्तोत्र-कोश-काव्य- #/ चम्पू-नाटकालंकार-सगीत-बीति-कथाग्रेथाः बहवः झौीणोां चोपयुक्ता अंथा» बृहज्योतिषाणेवतामा बहुदिचिहल्वित्वते 5यमपृवैञंथः सेल्कृतभाषया, हिन्दीनावव्यन्यतरभाषाअन्धा- 6 स्तत्तच्छाद्लाद्यर्थाजुवादकाः, चित्राणि। पुस्तकछुडणोपयो- (४ 2 गिन्यो यावत्यस्सामग्य+ स्वस्वकोकिकष्यवहारोपयोगिचित्न- ६ चित्रितालिखितपतच्रवत्पुस्तकानि च॥ सझुद्॒यित्वा प्रकाशन्ते ५५ ५ 8. सुरभेव मूल्येन विकयाय । येषां यवामिद्बिस्तत्तत्पुस्तका- (५ ्‌ > छुपंलब्धये एवं नव्यतया स्वस्वृपुस्तकानि झुझुद्रयिणुलिः ६ घुलठमयोग्यमोल्येत सीसकाक्षेरेः स्वच्छोत्तमोत्तमपजेजु झुद्दि- # 1 ततत्पुस्तकानां स्वस्वसमयालुसारेणोपलूब्धये व पत्रिकाडा[- बन्‍दकामदाक्कदाएकार शवतिश्ररणीयो5स्मि । अधिकमस्मदीयसूचीएुस्तकानाँ सिश्न- शिन्नविषयार्णा प्रापणेन “ अीवेडडुटेशरसमाचार ? पत्रिकाप्रा- हर ५ पणह्वारा च झेयमितिशम्‌। ः 12. एप इताराहशा8 91888, 6 छा प कापार 8१फडइपघरज 8 एण 817५ ७ 210178395 3909 ४४8 8 डू. लेमराज श्रीकृष्णदार, “अीवेहडिश्ल” (स्टीव ) यत्वाज्याध्यक्ष-सुम्वई (2 82३ ट2 कट किडनी का शेड




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