श्रीशुक्लायजुर्वेद संहिता | Vajasaneyi Shrishuklayajurved Sanhita
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
61 MB
कुल पष्ठ :
1052
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about पं ज्वालाप्रसाद जी मिश्र - Pt. Jwalaprasad Jee Mishra
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)के
है अवश्यह्छब्य, 5 खव॒इयद्रछूव्य, स्डू७
पथ टन 1
अंस्वाक शुद्णालये वेद-वेदान्त-पर्मशास्त-प्रयोग-योग
साँख्य-ज्योतिष-पुशणेतिहास-वैद्य-संज-स्तोत्र-कोश-काव्य- #/
चम्पू-नाटकालंकार-सगीत-बीति-कथाग्रेथाः बहवः झौीणोां
चोपयुक्ता अंथा» बृहज्योतिषाणेवतामा बहुदिचिहल्वित्वते
5यमपृवैञंथः सेल्कृतभाषया, हिन्दीनावव्यन्यतरभाषाअन्धा- 6
स्तत्तच्छाद्लाद्यर्थाजुवादकाः, चित्राणि। पुस्तकछुडणोपयो- (४
2 गिन्यो यावत्यस्सामग्य+ स्वस्वकोकिकष्यवहारोपयोगिचित्न- ६
चित्रितालिखितपतच्रवत्पुस्तकानि च॥ सझुद्॒यित्वा प्रकाशन्ते ५५ ५
8. सुरभेव मूल्येन विकयाय । येषां यवामिद्बिस्तत्तत्पुस्तका- (५
् > छुपंलब्धये एवं नव्यतया स्वस्वृपुस्तकानि झुझुद्रयिणुलिः ६
घुलठमयोग्यमोल्येत सीसकाक्षेरेः स्वच्छोत्तमोत्तमपजेजु झुद्दि- #
1 ततत्पुस्तकानां स्वस्वसमयालुसारेणोपलूब्धये व पत्रिकाडा[-
बन्दकामदाक्कदाएकार
शवतिश्ररणीयो5स्मि । अधिकमस्मदीयसूचीएुस्तकानाँ सिश्न-
शिन्नविषयार्णा प्रापणेन “ अीवेडडुटेशरसमाचार ? पत्रिकाप्रा- हर
५ पणह्वारा च झेयमितिशम्। ः
12. एप इताराहशा8 91888,
6 छा प कापार 8१फडइपघरज 8 एण 817५ ७ 210178395
3909 ४४8 8 डू.
लेमराज श्रीकृष्णदार,
“अीवेहडिश्ल” (स्टीव ) यत्वाज्याध्यक्ष-सुम्वई
(2
82३ ट2 कट किडनी का शेड
User Reviews
No Reviews | Add Yours...