संस्कृत पाठ माला | Sanskrit Path Mala

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Sanskrit Path Mala by श्रीपाद दामोदर सातवळेकर - Shripad Damodar Satwalekar

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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(२६) पाठ ११ अब कुछ संस्क्तत वाक्य पढिये-- १ रामचंद्रस्थ नवीन गहं शोमन आस्ति । २ श्री- कृष्णस्थ पुराण नगरं कुत्र अस्ति? ३ विज्ञस्थ पुरुषस् शोभन पुस्तक अच्च नास्ति। ४ त्व॑ विशाल वन इृदानी गउछसि किम १ ७ नहि; इदानीं अहं भूपस्य शोभन नगर गच्छामि | ६ स प्रुषः भूपस्थ शोम- नात्‌ नगरात्‌ इृदानीं एव आगच्छाति। ७ स बलिछ: पुरुष इृदानीं कुतच्र अस्ति ९ १ रामचंद्रका नर्वीन घर सुंदर १1 २ श्रीकृष्णका पुराणा शहर कहां है? ३ ज्ञानी मनुष्यका उत्तम पुस्तक यहां नहीं है। ४ तू विशाल वनके प्रति अब जाता है क्या? ५ नहीं, अब में राजाके सुंदर नगरको जाता हूं।६ वह मनुष्य राजाके सुदर नगरसे अब ही आता हैं। ७ वह बलवान पुरुष अब कहां है; अब निम्नलिखित शब्द स्मरण कीजिये-- १ अहं- में ०» मत्‌- मुझसे २ मां- समझे, मुझकी.. ४ सम भेरा ३ मया- मंने .. ८ मायि- मुझमें ४ मह्य-- भरे लिये अब इनका उपयोग देखिये--




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