अश्विनौ देवता की भूमिका | Ashvinao Devtaki Bhoomika
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
25 MB
कुल पष्ठ :
458
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)१ £&पणी- पुर+पज्ञा ८ विशाल भुजाव,ले, बहुतों को मोजन देनेवाले ।
द्रबत् पाणी 5 शीघ्र काप करनेव'जे, दान देनके कारण जिनके हाथ गले हुए
है, कर्स करने ये कुशठ । अश्विन्ों > बहत घे.डे पास रखनेताऊे, भोडोपर «ने
पाले, घुड्सवार, घोड़ेको शिक्षा देनेव,ले, अश्विनी कुमार (देवता)। चनस्यति <
आज्षदित होना, संतुए्ठ हाना, ग्रसज होना । यज्यरी इषः ८ जिसमे यज्ञ देता हैं
ऐसा अन्न, पवित्र भन्न, भ्ठ अन्त ।
[१ ]
२ आर्थ्िना परुदंससा नरा शर्वीरया घिया |
पघिण््या बनत॑ गिर। २
२ आधिना । पुरुद्ससा | नरां | शर्वीरया | पिया ।
धिप्ण्या | बन॑तम | गिर) ॥२॥
२ अम्वयः- पुरुरंससा ! घिष्ण्या | नरा अधिना ! शवीरया बिया गिर:
वनतम् ॥२॥
२ अआथ - दे ( पुरूदससा ) बहुत काये करनेवाले | ( पिष्ण्या ) थेगे
युक्त व॒ुझूवानू | तथा ( नशा अश्निना ) नेता अआश्विदेवों | ( झवीर्या घिया )
बहुत तेज बुद्धिसे अथांत् ध्यान पूरकि ( गिरः बनते ) हमार भाषणोंका
स्पीकार करो, अथात् हमारा भाषण प्रेम से सुनो ।
९ भावषाथे-- अश्विदित॒ बहुत काये करते हैं, बडे बुद्धिमान हैं, नेता गने
हैं, वे अपनी सूक्ष्म बुद्धिसि हमार कथन को सुर्ने ।
१ मानवधस- मनुष्य बहुत प्रकारके कार्य पूणतासे करे, मैयरेयुक्त तथा बुद्विम,न
बने, नेता द्वोकर अनुयाग्रियों को येग्य माय से चलाबे, बहुत अन्दर भुसनवाणी
सूक्ष्म बुद्धि से अपने काये करे ओर अनुयायियों के कथन शान्ति से सुने ।
२ टिप्पणी- पुरूुद्सस ८ पुरु८बहुत >द्सस ८ कमे करनेवाला,
अनेक प्रकारके उत्म कमे करनेव,ला ।धिष्ण्या >बा9, पेशयुक्त। शत्रीरा
गतेमान, सक्ष्म गति से युक्त | बन - सेवन करना, प्रेम करना, ईचछा करना
प्राप्त करता, स्वीकार करना |
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