नारायणी शिक्षा | Narayani Shiksha
श्रेणी : संदर्भ पुस्तक / Reference book
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
24 MB
कुल पष्ठ :
472
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)से ( ६ )
न्स्सखर विषय पृष्ठ-सेतव
| आन रा
१७ 1नेत्यकम
०“.
४६-पज्चु रुसों का त्याग और दोष-पल्न यज्ञ, ब्रह्मयज्ष, गायत्री
सन््त्र की प्रशंसा, गायत्री का एक होना, दो काल संध्या
का विधान, आचार को आवश्यकता, गायत्री का अधथे
बेंद् पाठ ॥ शैर१३३८
१८ देवयज्ञ ।
५०-अशगौिहोत्र का समय, अभिहोत्र के लाभ, अग्निहीत्र का ३३८३४६
त्याग और दोष ॥
१९ पितृयज्ञ ।
५१-पिठ्यज्ञ से लाभ, सचा श्राद्ध और तपेरा, वत्तेसान समय
का श्राद्व और तपेण शद्भूायें और दोष, रुदुवचन के लाभ
नमस्ते शब्द का निणेय और प्रणाम, बलिवेश्देव ॥. ३४श३६९
२० अतिथिलेया ।
५२-अतिधथि सेवा के लाभ, अतिथ सेवा का त्याय और दोष
सच्चे अतिथि, वत्तेमान समय के अतिथि और उन से
देश की दुदृशा ॥ ._.. ३६७५३५४
२१ पुराणपरीक्षा ।
५३-पुराणों का समय, पुराणों की असस्भव बातें, पुराणों में
परस्पर विरोध, पुराण और वेदों में विरोध, वत्तंसान
या प्राचोन समय के युराण व उपपुराण, वेदों का
देखर कृत होना ॥ ३५४॥३८८
२२ मूत्तिपूजाबिचार ।
५४-सृत्तिपूजा की व्याख्या ॥ ३८८४४
. शह त्योहार ।
५५८-श्रावणी, दशहरा, दिवाली, देवोत्यान, बसन्त, होली ॥ ४००४९१
>_ अक2222द5454442 42026 ८4:45: एट/तकता: करा ५
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