विद्यापति पदावली में लोक संस्कृति का चित्रण | Vidyapati Padawali Main Lok Sanskrit Ka Chitran

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Book Image : विद्यापति पदावली में लोक संस्कृति का चित्रण  - Vidyapati Padawali Main Lok Sanskrit Ka Chitran

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about प्रमोद कुमार सिंह - Pramod Kumar Singh

Add Infomation AboutPramod Kumar Singh

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
कल लकी कै शी कम का है हैं बल्कि मछली मे के खकिंय पेश का भी पायोनक 53 फभार दागी अन्यी है ही अत मत्र उदपक्धा विद्यापति माजिक्र-घीे स्‍ वें बाव पर नरी पार करने और खेबः' था 1₹ उतच्ते के हक हे भी डचाः करते हैं। उनके एक्र यह झा विशाशया ने शिक्ष पार जाके का दहला मकृद नही ले रह है 1. एक्र दूपरे पद में भो एक वाशिका ल्‍तों का 7 वर [हुती है ओर घद्वार को शुर्क ने वप्रर्व हाई देगा क्र नी पद में नाव पर चढ़ो एक तन्‍गो मह्य,ह बसे _ रू में पार उतार देन की प्रार्यना करतो है ।? थे सभी चित्र मह्झाहों के जीवल से सम्बद्ध है । ४« नाव डोलाव शअही ख्विदव ते प ोव से खर नीरे लो | खबा न लेआए अझाले इसि हँसि कीदहु बोले ज्ञिव डोले लो 171' वैन पु 4, पहुं+४० । इत पद में छुा की लरा भी विचतर्ण व हूँ इच्ध दी शत्ति में अत की सब इल्यने औ। पतकर के चल, ले के गजि की परम लि हुवे है. एसा उमा ई के इस भल्ल।ई! के लाजर्ग नी की उन का पल * +$' है ध्ॉि 7». कर धर कर साओे परे कैद में अपत्य हाई. कर्रोत्ताः ।+| सृद्धि सब तेजि धदलि मदी न जानू कोन पथ भेत्ती, कल्देय. ४,। इस न जेंएछब लतुझ पास जाएब औवद पाटे, कम्देैया |! विद्यापति एद्ो भाने | गजरि भज्ञ॒ सगवाने, कन्हैया ८! ना मै पूरी, ४घई--५ ८ । इप पद के छुन् में सो कष्पओं हज लदरों को छुपनदूप का #पूत सामित डोचा 71 ख्क् सलेडटक । 8. तथ गुर मौर्व सीलन्मोगार | सुनि कण चहलिट तोदरि सवे 11२ इट न करिश्र कान्दु क मोदि पर सब तह बद थिफ पर उपड्र हे उर्त पस पढ़




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now