भारतीय ज्ञानपीठ मूर्तिदेवी जैन-ग्रंथमाला | Bhartiya Gyanpeeth Murtidevi Jain-Granthmalal

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Bhartiya Gyanpeeth Murtidevi Jain-Granthmalal  by आदिनाथ नेमिनाथ उपाध्याय - Aadinath Neminath Upadhyayडॉ हीरालाल जैन - Dr. Hiralal Jain

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आदिनाथ नेमिनाथ उपाध्याय - Aadinath Neminath Upadhyay

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हीरालाल जैन - Heeralal Jain

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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अष्टचत्वारिंशत्तम परे अजितनाथचरित सगर चक्रवर्ती ' एको नपग्वाशत्तम पे सम्भवनाथ चरित पत्चाशत्तम पे अभिनंदननाथ चरित एकपद्लाशत्तम परे सुमतिनाथचरित ट्विपच्चाशत्तम पे पपद्मप्रभ चरित त्रिपग्वाशत्तम पवे सुपाइवेनाथ 'चरित चतुःपत्चाशत्तम पे चन्द्रप्रभ चरित पत्चनपस्चाशक्तम पे पुच्पदुन्त चरित पट्पग्राशत्तम पे शीतकनाथ 'घरित सप्रपत्नाशत्तम पे श्रेयान्सनाथ चरित विजय बलभद्ग, त्रिए्ठ नारायण और अश्वऔव प्रतिनारायणका चरित अष्टपत्चाशत्तम परे वासुपूज्य चरित श्रिषठटनारायण, अचल बलभद्र और तारक अतिनारायणका चरित एकोनषष्टितम पर्वे विमलनाथ चरित घर्म बलभद्ग, स्वयंभू नारायण और मधु प्रतिनारायणका चरित संजयन्त, मेरु कौर सन्‍दर गणधरका 'चरित षष्टितम पे अनन्तनाथ चरित सुप्रभ बछभत्र, पुरुषोत्तम नारायण और मधुसूदन प्रतिनारायणका 'चरित विषय-सूची नमी. कि १५९ रद रैज्ले ड्द ४४ ६९ ७१ ७९ <७ ५९१ ५९५७ ३०९ १०७ १२१ १९४७० एकषष्टितम पवे घर्मनाथ चरित , , ११३८ सघया चक्रवर्तीका चरित पृददेछ सनत्कुमार चक्रवर्तोका चरित १६७५ हिषष्टितम परे अपराजित बलूभद्र तथा अनन्तवीये नारायणके अभ्युद्यका वर्णन 3३८ त्रिषष्टितम पे 1 शांतिनाथ तीर्थंकर और 'चक्रवर्तीका 'चरित १७७ चतुःषष्टितस पे कुन्थुनाथ तीथैकर और चक्रवर्तीको चरितव २१३ पश्चषष्टितम पर्बे अरहनाथ चरित २१८ सुभौम चक्रवरतौंका चरित २२४ नन्दिषेण बलूमद्र, पुण्डरीक नारायण और निशुस्भ प्रतिनाशायणका चरित २३० षट्षष्टितम पे मब्किनाथ चरित रदे३ पकष्म चक्रवर्तीका चरित २३८ नन्दिमिन्र बलभत्र, दत्त नारायण और बरीन्द्र प्रतिनारायणका 'रित १७१ सप्रषष्टितम पर्वे सुनिसुञझ्रत चरित २२७ हरिषेण चक्रवर्तीका चरित २७८ राम बलभद्र, लक्ष्मण नारायण और रावण प्रतिनारायणका चरित, तदन्तगत राजा सगर, सुछसा, मधुपिज्ञक, राजा वसु, क्षीरकदुम्बक, पर्वत, नारद आदिका वर्णन २०० अ्रष्टपष्ठ पर्व राम, रृक्ष्मण, रावण और अणुमान्‌ (हनुमान) का चरित २७८ एको नसप्ततितम पर्व नमिनाथ चरित ३३१ जयसेन चक्रवर्ती ३३७




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