महाभारत (आश्वमेधिक पर्व) | Mahabharat (aashvamedhik Parva)

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Mahabharat (aashvamedhik Parva) by रामस्वरूप शर्मा - Ramswarup Sharma

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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१-०5 -2ास 4 -म 4-42. 4५ था 8. 2.8: ७-2 .4माा 4 4-8 #काक-व बा 8 -माकन्‍ 8-4... ० (ख्र) । अध्याय | , “विषय. . ,प्रष्ठ .अध्याय विषय प्रष्न? परिणाम... , १७६: ६९ श्रीकृषष्णंका वसुदेवसे अभि- ! ३८ सच्वगुणका वर्णन ..१७९ '. भन्यु का मग्य कहना. २०४ ३९ जगनकी त्रिगुणगमयता १८१ ६२ अभिमन्युके लिये शोक ६०० ४० मूलपुरुषकी ;उत्पत्ति. ;१८५. ६३ पागडवोंका सम्बाद .. ३०३ ४९ अश्रहक्कारका रूप, १८८ ६४ घनके लिये यात्रा. ३०६ ४१ अहक्भास्से पर्चभृतोंकी ६५ घन लेकर लौटना. ३०० उत्पत्ति '... . १८८ ६६ परीक्षितका जन्म ३१६ ४३ सष्टिकां रहस्य - १९८ ६७ मुभद्राकी ऋष्एसे प्रार्थना ३१६ ४४ आदि कौन है १, २०४ $८ उत्तरका विलाप... ३१० | ४५ कालचक्रका स्वरूप “' २०८ ६९ पंरीक्षितका जीवित होना ३२६ ४६ अह्मचारीके त्रत . २९१ ७० पाणहवोंका श्राग्मस ३२६ ६ ४७'संन्यासका निम्-नंपरशण ' २०२० अश्वमंघयज्ञ ४८ सत्यकों जाननेबालिकी गेतिर२३ ७९१ अद्यमेधके लिये कृष्ण और ५९ घर्मनिरूपण गेए०ण. ज्यासकी संमति झ्श्ए ५० गुणनिरूपण २०५ ७० यक्षकी तयारी .. ३३३ 'मनकी शक्ति. २३८ ७: घोड़ेके पीछे २ जाना. ३३८ उत्तईेपारूपान ७४ त्रेगतोंका परांजय_ ३४९ ०३ ऋष्णका प्रयाण १४६ ७४ बज्रदत्तके साथ युद्ध. ३४६ ४३ कृष्णऔर उत्तद्का समागम२५४ ७६ वजदत्तका पराजय ३४९ ५४ क्ृष्ण॒का स्वरूप ५८ ७७ सेंघवोंके साथ युद्ध. ३५३ ५५ उत्तक्ु मेघवणन २१६१ ७६ सेंधवोंका प्रजय और ५६ कुएडलहरण २६७ दुःशलाकों सांचना. ३५७ ५७ उ््तंकका कुएडल मॉँगना रेछ२ ७९ वश्नवाहनके साथ युद्ध ५८ सपकाकुएडंलहरण. २७७. और भअजुनका मरण ३६४ दारकामें श्रीकृष्ण ८० अजुनका जीवित होना ३७० «९ श्रीकृष्णका द्वारकासें जाना २८६ ८९ भीष्मके मारनेका/अर्जु नको ६० श्रीकृष्णका युद्धकी कथा प्रायश्रित्त करना ३७८ | कहना ' श८९ ८२ सगधराजका पराजय ३८३ | कसा“ आपात उन पस५प- ० हे




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