20 वीं शताब्दी के आविष्कार | 20 Vi Shatabdi Ke Avishkar
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
5 MB
कुल पष्ठ :
247
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)परमाणविक क्रान्ति
गोठे वारूद का आविष्कार बड़े महत्व का था । परन्तु इससे
कही अपिक महत्त्वपृण और दूर व्यापी परिणाम परमाणुआ वी टाक्ति को
प्रयोग में लाने वे थे । परमाणविक शक्ति जिसका ज्ञान दूसरे महायुद्ध के
दिनों मे वेब पाँच छ साशा में ही हुआ, सभवत मानव इतिहास में
सबसे बडी ऐतिहासिक घटना थी । इससे राजनीतिक तथा
सनिक नेताओं वे हाथा में विनाश तथा दूसरा को अपने अधीन बनाने वी
अवल्पतीय ”ावित आ गई | शान्तिमय उपयोगों वे लिए तथा दनिक जीवन
वे लिये भी परमाणु शक्ति वा अलय भण्डार है, जिससे कि मानव को
अपने कार्यों को सपन वरने वे लिए असीम शक्ति प्राप्त हो सकती है।
सौर शवित के प्रयोग के सस्ते साधना बे आविप्कार तथा विकासशील
ससार के भावी ऊर्जाविचान मे और भी महत्त्यपूण परिणाम हो सकते हैं।
यह जानवारी विशेष महत्त्व रखती है वि यूरेनियम परमाणुओ वे
विवण्डन का मौलिक आविष्कार एक बहुत निदय तानाशाह झासक के
बाल में जमनी में हुआ था। हिटलर और उसके साथी यह बात नहीं
जानते थे कि विधान के आविष्कार विसी एक देश मर्वेद्रित ही रहते
अवितु शीध्र ही अन्तर्राष्ट्रीय घन जाते हैं । ठीक युद्ध के दिनो में ही ओटोहैन
और स्टेस्मन द्वारा यूरेनियम के परमाणुआ के विश्वण्डन और उससे प्राप्त
होने बारी अमीमित शत वी मौल्वि खांज दूसरे देशों म भी भात हो गई
थी। द्रव्य तथा शावित वे सम्गाघ तथा उनके एक टूसरे मे परिवत्तन के
विपय में बहुत देर से सोज हो रही थी और उक्त सोज ने स्पप्ट कर दिया
कि परमाणु वम समव है और ससार म द्रव्य को झक्वि मे दृदलर२ पर्याप्त
ऊना प्राप्त वी जा सकती है, और इस प्रकार यह ऊर्जा युग वा उदय था।
परमाणु शवित की इस मौल्वि खोज और परमाणु वम वे निमाण
में विभेष समय नही एगा। रुगभग एक ही साल म एटम यम प्रत्यव रूप
मे सामने आने छगा और वतानिव तथा सनिव नेताआ ने इसवे महत्व को
अनुभव विया। इसी समय मे अनुसवान द्वारा और बहुत सी बाता वा
श्र
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