हिन्दी नाट्य दर्पण | Hindi Natya Darpan

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Hindi Natya Darpan by डॉ. नगेन्द्र - Dr.Nagendra

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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(घ) विषय द्वितोय विवेक » विवेक सद्भूति * २. . प्रकरण का लक्षण प्रकरण भेद झवल्प्य स्वरूप उत्सयें का भतिदेश # ३. नाठिवा का लक्षण बाटिका में कत्त'व्य का उपदेश नाटिका में करने योग्य भ्रन्‍्य बात ४. प्रकरणी का लक्षण ४. व्यायोग का निरूपण सन्धि तथा भवस्थापो की न्यूनता का उपपादन ० ६. समवकार का निरूपण समवकार में किये जाने वाले ग्रन्य कार्यों का उपदेश शज्भारदि वी व्याख्या ७... भाण का सक्षरा बत्तो व्य के प्रदर्शन द्वारा नायक का वर्णन ८. प्रहसन का लक्षण धुद्ध प्रहमत * सद्भीणों # €. डिप वा सक्षण रसों वी सुख-दु खात्मवता डिम में करने योग्प भ्रस्य दातों वा तथा नायक का निर्देश १०. उस्सुप्टिवाड् का निरूपण उत्मृट्टिकाड, में करने मोग्य घस्य बातों वा निर्देश ०. रैंै-. ईंडाएए का खशणा ईहामूग में वरने योग्य प्रन्य बातें १२. वीयी का सक्चरा वोधी ने तेरह प्रद्ध (१९) स्यवह्ार (२) ध्िदल (३) गष्ड (४) प्रपण्च (५) तरियत (६) छत (७) भगरप्रताप परच्द र्ग्र २०२ २०६ 5] रह्१ डर २१५ २१६ २१७ श्श्८ २१६ २२१ २२३ २२५ 4. २३० २३० २३१ २३२ २३३ २३४ २३५ २१६ २३८ र्र्द २४० २४० र४२ रेशर र्४६ श्र९ ३१२ २५४ र्श्० रश्द




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