चन्द्रलोक | Chandralok

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Chandralok by राम सिंह - Ram Singh

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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एकान्तवास एकएल्तवास 1 एकान्त यास में ही! कान्‍्त (प्रभु) का वास होता दे एकान्तवास । एकान्त वास में ही ' “' शान्ति का सुवास होता है एकान्त कया ९ जहां सिफ एक ही भोर दो सब का अन्त वहीं सच्चा एकान्त अन्यथा एकान्त में भी मन दिग्मान्त होता है




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