परमात्म प्रकाश प्राकृत दोहा | Paramatm Prakash Prakrit Doha

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Paramatm Prakash Prakrit Doha  by योगेन्द्र देव - Yogendra Dev

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about योगेन्द्र देव - Yogendra Dev

Add Infomation AboutYogendra Dev

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
ह2,23202209823860040 24826 8 0008 8 ॥ & 0 & 4 004 ॥ 8 ॥ & ॥ 8 89 & ४ 3 & & 2.6. 31ल्‍4 08 & & 88 | 3 & & & 4 0 0 & & & & & ॥ & & & & ६ & 3 ( २१ ) | कम कलंक से रहित होकर परमात्मा स्वरूपकी प्राप्ति फो ही ज्ञानी लोग मोक्ष कहते ऐसा तू जान ॥ देसण णाण अनन्त छुहु, समठ ण तुद्दद जाप । से परसासउ मोक्ख फलु, पिज्जउ अत्यिण ताप ॥ १३९॥ फेषल दशन केवल ज्ञान अनन्त सुख अनन्त चीये आदिक म गुण सोक्षके फलदह और यह फल कभी अलग नहीं होते अथाद्‌ नित्य रहतेहें और इनके सिचाय और कोई फलनहींहै ॥ जीव मोक्पाहिं हेठ परु; देसशण णाण चरित्तु | ते पुण तिण्णावै भ्रप्पु मुणि, गिच्छई एहउ वुत्ु ॥ १३१७ ॥ व्यवहार में सम्पक्‌ दशन सम्पक् ज्ञान सम्पक चारित्र घहनीन भोक्षके कारणहँ और निश्चय में शुद्ध आत्माही मोक्षका कारणहै॥ पिच्छह जाणह अग्राचरइ, अप्प अप्यड जोणि। । देसण णाण चरित्त जिउ, मोक्‍्खाहिं फारएा सोजि॥ १६८ ॥ जीचर आपही अपनी आत्मा को देखताहैे जानताहै और भन्नु- भवन फरताहै इस हेतु एक भात्माही जो दशन ज्ञान और चारित्र है मोक्षका कारणहै ॥ पे पोलइ पवहरु णउ, दंसण णाशा चरित्तु। तैप्रिमार्णाहणीव तुह, जें पर होहे पवित्त ॥ ११९॥ 1 व्यवहार नयका यह कथनहै कि सम्पक्‌ दशन सम्पक्‌ ज्ञान और सम्पक्‌ चारित्र इनतीनों को तू अच्छी तरह जान जिससे तू पविन्न होजाबे ॥ दब्बई जाणें; जहूँ ठियेई, तह जगि मण्णइ जोजि | अप्पाह केरए भावहउ, अ्रविचलु देसशा सोजि ॥ १४० ॥ जिस प्रकार जगद्‌ में द्रच्पस्थिते हैं उनको उसही प्रकार यथावत्‌ जान कर अपनी द्ंद्ध आत्मा में निम्चल स्थिति हाना सम्पक्‌ दशनहै ॥ दच्ब३ ,जाणह ताइ छह, पिहुयणा भरिवड जे(ई। आई विणासावे विज्जियहिं, णीयाहिंपमाणेय एह्ि1४१ ॥ | द्रब्य जो तीन लोक में भरे हुवेह चह कै ६ हेंडनका आदि और £ / शकफफ्कक फर्क कुक 7 कर फर्क फेक फ़ कफ फफ३क कक छफज एफ फह््ऋछज़क कफ 7क एक कफ पे) ः हे ख़् श्र क्र 9 ट्र क़ 1 क रा हि हि न क का कि क्र न्‍ि 4 हि 4 कि का हे रत ्ड कि हि + दिन कि कि किन है | ३ ्चॉ्‌ ३ ३ | ; ६ 4




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now