बाल प्रवेशिका भाग 2 | Bal Pravesika Bhag 2
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
208
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about प्रभुदास बेचर दास पारेख - Prabhudas Bechar Das Parekh
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)(७]
अडह चंद्र ऊपर करी, अक्षन थीं सुस्त कार 1
अक्तत पट? को मांगु में दादा के दरचार ॥
अच्तत पूजा करतों थका, सफल करू अवतार
फल माय प्रभु आगले, तार तार मुझ तार ॥
सासारिक फल मांगता, भटक्यों वहु ससार।
अएप्ट कर्म निवारबा, माय सोच फल सार ॥
चिहु गति भ्रमण ससार मा, जन्स-मरण जजाल ।
पचस गति विश जीवने, सुस्त नहीं तीनु काल ॥
दर्शन ज्ञान चारित्र का, करु आराधन नित्य। .
सिद्ध शिला को ऊपरे, हो मुझ आतम सिद्ध” ॥
नल * सिद्ध स्थान (मोक्ष)
कौ २ सिद शिला
छ् छ कं £ दशन फूट
0 0 0 ४ ज्ञान के
का फ्फफफद ४ चारित्र र्ट
फफ ६ मल्ुष्य ।
फ्रफक्रफफ्फफ ७ देव (८
फ्््फ मिर्च ॥ छि
पा पु ८ तियच 12
*फ्रफ्फ््क फ् ६ नरम
User Reviews
No Reviews | Add Yours...