आरोग्य शिक्षा | Arogya Shiksha
श्रेणी : शिक्षा / Education
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
0.98 MB
कुल पष्ठ :
58
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about डॉ० एन० पी० शर्मा -Dr. Ain Pee Sharma
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)भाग है. (१९)
“बडे बेर” ( वागीर्वेर ) शीतल हैं भारी हैं तरहें इनमें
मीठे चीयेवद्धक खट्टे वीर्यको क्षति करते ओर कठेजा उचादतहें
+. “ककघ झाड़ी चर शीतल तर वात पित्त नाशक हैं सूखे
बेर हलके तृषा दाह शामक तथा भेदक हैं । जननी ( सखे झाडी-
“बेरॉका छिलका ) श्रम दाह और रक्तविकारको दूर करता है ।
“करोंदे” कच्चे खट्टे गरम भारी ( सकील ) रोचक हैं और
कफनाशक हैं ।
पके करोंदे मीठे गोचक हैं शीतल रूक्ष और माही ( का-
बिज ) होति हैं ।
“पियाल” चिरोंजीका फल तुरशी लिये मीठा दोताहे
गरम हे तरदे वडूफनाशक हे ।
'चिरोंजी पियालके फलकी गुठली होतीहे यदद गरम दे तर
ज्े पुप्ठ हु चाजीकएण दे खॉसीवालेकों अहित है ।
*'कमछगंडे” ताज शीतल हैं स्निध हैं ( कोई रुक
कहतेंहें ) बलफारी गरिछ काबिज तथा गर्भजनकह्ें। -
*'सिंघाडे” शीतल तर गरिछ वीयंवद्धंक आदी (काबिज)
कफकारक और फपित्तशामक हैं ।
*'महुबेका फूल” सूखाइआ यहुत खातेहें यह मीठा शीतल
ध्षतक्षय और रक्तदोप नाशक हू ।
*फालसे” तुरशी लिये मीठे दोति हें शीतल हैं रुक्ष हैं
हृद्य हैं पित्त और दादशामक हैं ।
*'सददतत” गरम हैं तर दें कंठरोगोंमें हितकारी हैं ।
*'कैथका फछ ( कपित्थ ) खट्टा होताहे शीतल हे
रुक्ष है आही दे रोचक है भूननेसे इसकी चटनी खब बनती
है । 'खिरनी” ( राजादन ) शीतल हैं तर हैं वढलवद्क हैं दाह
तृपा क्षय सच्छी ख्रम इन्हें दूर करतीदें ।
User Reviews
No Reviews | Add Yours...