दीघ निकाय | Digha Nikaya

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Book Image : दीघ निकाय  - Digha Nikaya

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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नाम झगाज्जा (२७) अपदान। सहा-- (१४) अम्ब्ठ (हि) आदानाधिय (३२) उदुस्बरिक-सीहनाद (२५) कस्सप-सीहनाद (८) कुटदन्त (५) केवट्ट (११) गोबित्द। सहा-- (१९) चवकवत्ति-सीहुताद (२६) जनवसभ (१८) जालिय (७) तेविज्ज (१३) दुसुत्तर (३४) निदान। महा-- (१५९) परिनिव्वाण। महा--(१६) पाधिक (२४) पायासि राजब्ञा (२९३) पासादिक (२९) पोट्टपाद (९) ब्रह्ममाल (१) महागोविन्द (१९) महानिदान (१५) सुत्त( सूत्र )-अनुक्रमणी प्रष्ठ २४० प्‌ द्र्ढ २७७ २२६ ट् के ० ७८ १६७ र३३ १६० ८९ ३०२ १० ११७ र१५ १९९ २५२ ६७ १६७ ११० सास सहापदान (१४) महापरिनिव्वाण (१६) महालि (६) महाततिपट्टान (२२) महासमय (२०) महासीहनाद (८) ; महासुवस्सन (१७) लक्खण (३०) लोहिच्च (१२) सबकपन्ह (२१) संगीति (३३) सत्तिपट्वान। महा-- (२२) समय । महां-(२०) सम्पसादनिय (२८) सामज्नाफल (२) सिगालोवाद (३१) सीहनाद। उदुस्बरिक-(२५) सीहनाद। चक्कवत्ति- (२६) सीहनाद। महा-(८) सुदस्सन। महा- (१७) सुभ (१०) सोणदंड (४) ९५ ११७ १९० १७७ १५२ २६० १८१ २८१ १९० १७७ २४६ १६ २७१ २२६ २३९३ दर श्र ७६




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