अंग्रेजी -हिंदी वैज्ञानिक शब्द - कोष खंड - 1 | Angragi-hindi Vaiganik Shabda Kosh Khand - 1
श्रेणी : भाषा / Language
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
32.02 MB
कुल पष्ठ :
265
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about डॉ. सत्यप्रकाश - Dr Satyaprakash
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)00 क ७७
9.00८655071165 (र०) सहायक सामग्रा
[ उपसाधन--रघ ०]
90068507प् (भौ०, व०,) अतिरिक्त,
सहकारी, सहायक, -->£20 ८1
उपशाखा, --9पत श्रति० कली,
-्फ्पां। अ्ति० फल, -ए८घा-
9८ श्रति ० भंग, उपांग, (21581
( जी० ) उपकर्चास्थि, --ए्ाशि01
अति० मेखला (उपमेखला)
20060: दुर्घटना, श्राकस्सिक घटना
0घंतटाक। हाा0। (ज्यो० )
श्राकस्मिक त्रुटि
2.0लत6021+0070, 20पएट८0पंघ[0घ5
(व०.) श्रागंतुक जड़
20द[भघ८७ ( जी० ) एक्सिपिट्रीज़,
द्येनरूपी पक्षी, त्वंरपवत्री
90500 (र०). सहन-
चीलता
8000एप00घ्घ00 (भौ०) ' अनु-
रूपण, श्रनकलन, संविधान,
८0िटटणा सं०गरपक या निरूपक
00छ्८ा 0 -सं० क्षमता
-ए80८00घप८0601600 (जी ०) संतान
प्रसव, बच्चा जनना, ---ईर01८८ सद्य:
असाहरण
9000पए८५८0+ (जी ०) प्रसूतिवंद्य
8000प0 (ग०) हिसाब, ब्योरा, लेखा
80८0165060: ( जी० ) वधंमान,
वृद्धिशील दर
_20८पाएफंतघ्राप्ाए (व०) एकमिनेटम्,
. संग्रहम
90एपाएपा ५6 (भौ०) संचय करना
0.८
8.0८प्णपाकिद्िंणण (ग०, भौ०) सम-
वाय,. संचय, --ए0«टाटाण!
संचय गुृणक (निरूपक), -एए06
संचय काल (ग०, भौ०)
घ0८प्ाएपाक07 . संहुनक . (ग०),
संचायक सेल (भौ० )
घ00पतक८४ (ग०,भौ ० )यथाथंता,शुद्धता,
सुक्ष्मता, 50110 --परम यथाथ॑ता
0८2६6 ( ग०, भौ० ) यथायथं
87 ८प- सवधा यथाथ॑ं, -ए210.८
यथाथें मान
800ए790८1फ9 यथाध॑त:
206- (र०) एसी, सिर०] शुग-रघु० ]
2060०9[०0घ160०0८ ( र० ) एंसीन-
थीन [शुगत्त रेण्य-रघ ०]
20८1८ (र०) एसीन, सिरीन[--४८८-
1८11८-शुगन्य-रघु ०]
घ0६ए00101070प85 (जी ०) (85700)
एसेण्ट्रोफोरस (मछली), विकेच्द्रोत्पादक
मत्स्य ं
धट्ट्ए्फिघ0-99८पिं.्र (जी०) वाहु-
मस्तक-हीन
9८९[90910-0821072
हद हीन
9.८८€[20910-८घं9. (जी ०) . करे-
सस्तक-हीन
9. 0८[970810-छुध50179 (जी ०) मस्त को-
दर-हीन
806010210प5 (जी ०) मस्तक-हीन
9.८८1-(व०) एसर, तीक्ष्णम्, तीक्ष्णण
906श८घप (व०) एसरपिक्टम
कब््चली, कँचली, दुमिठा
जी०) मस्तक-
ट
ः पं
म . हर
डर ् डर न हि
User Reviews
No Reviews | Add Yours...