सोसाइटी एंड रिलिजन अस देपिक्टेद इन वायु पुराण | Society And Religion As Depicted In Vayu Purana
श्रेणी : पौराणिक / Mythological
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
66.37 MB
कुल पष्ठ :
460
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about ममता चतुर्वेदी - Mamata Chaturvedi
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)गुरू शव नि पट्माँ का प्रभातन ढिया पदक कर प्र पुर्णत नवीन लव नए प्ि मानव तिक विश्व की समस्याओँ का निहाकरण कहने जगत के यधा व स्वस्प को जानने आत्मा-पश्मात्मा न्थीं के रहस्य के स्पष्टीकरण में तहायक माना गया है । प्रस्तुत पुराण में भी इन्हीं विचारों को. चित करते हुए मॉइपा प्ति मैं घॉगदान देने वाले ज्ञान को ही सफल उपलब्धि बताया गया है । पारा शिक ताइयाँ के आलॉक में प्रतीत होता है कि बाल्य- काल ही चिदारम्भ का उचित तमय था आर अधियों के आजम शिक्षा केल्ट्र के स्थ मैं मान्य थे । अप्ययन और अध्यापन दानों में माँ छिक पुणाली ही प्रचलित थी. थो वैदिक काल ते घली आ दही थीं । आलो चित पुराण में पुवाचक के द्वारा उदाहरण-बॉधघक इलॉकों ते वर््य-चिथध को पुष्ट करने का प्रसंग प्राप्त होता है । _ प्रवचन कें ताथ ही शास्त्राध द्वारा ज्ञानवर्धन की परम्परा भी थी । चिधायी जीवन में स्वाध्याय के अतिरिक्त शारी रिक आर मानतिक विज्ञाम के लिये अवकाश की भी समुचित व्यवस्था थी 1 आलो चित पुराण में विधायी के प्ुद्धु क गया हें । वैदिक युगीन पर्म्पहा का निवा
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