श्री सूर्य स्तवन संग्रह | Shri Surya Stavan Sangrah
श्रेणी : काव्य / Poetry, हिंदू - Hinduism
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2.16 MB
कुल पष्ठ :
272
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)[ ७
करें उपरति उपा भाखर, सदा जय हो
सदा जय हो ॥ ऐप. २० ॥ चांसचाड़ा शहर
उुन्दर, शुन्नासी साल में तहां पर । कथे
युण 'सूयमुनि' नमसकर, सदा जय हो
सदा जय हो ॥ ऐू. २६ ॥
अबयससमिक फिनग
स्व. जैनाचास श्री साधव सुसि
महाराज के युण कधन,
पूज्य माधव सुनि छानी, गयो हाँ
जैन फो हीये । विशद विज्वास युणुखासी
गयो हों जैन को हीरो ॥ टेर ॥ तीघ्र
असिलापा है मन की, दयालु पूज्य दर्शन
की । दुपति नां दोत नेजन की, गयो दा
जैन को हीरो ॥ ऐू. १ ॥ श्रझजाती सुकुल
ख्याता, चेशीघर ताल सुख दाता । श्री-
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