अनुवाद चन्द्रिका | Anuvaad Chandrika

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Anuvaad Chandrika by चक्रधर शर्मा शास्त्री - Chakradhar Sharma Shastri

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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श्र _ सबीन श्रनुवादचन्द्रिका नायें श्रद्वद्ध है । इसी प्रकार दतं पुरुषा शुद्ध है किन्तु दातपुरुषा यह समस्त दाब्द _ श्रद्ुद्ध हे । इसी भाँति सप्तसप्ततिवर्यि के स्थान पर सप्तसप्ततिनायं श्रशुद्ध है पड्चादातं फलानि क्रीणाति शुद्ध हे किन्तु पब्चाशत्‌ फलानि श्रशुद्ध ह । हम कह सकते हूं कि शतस्य पुस्तकानां कियन्मूल्यम्‌ु किन्तु शतपुस्तकानां किपन्मुल्यम्‌ यह . प्रयोग झ्रद्ुद्ध हे । चत्वारिशता कमेंकर परिखां खानयति शुद्ध है किन्तु चत्वारिदात्‌ कर्मेकरे परिखां खानयति यह श्रश्वद्ध प्रयोग है । यदि समास से संज्ञा का बोध होता हो तो संख्या दाब्द के साथ समास हो सकता हें यथा पड्चास्रा सप्तषंय श्रादि । तिडन्त पद (क्रिया )--छात्र फठति बालका क्रीडन्ति इन दो वाक्‍्यों को देखने से ज्ञात होता हे कि संस्कृत में तिडन्त क्रिया का लिड्ध नहीं होता चाहे कर्त्ता पूल्लिद्ध हो या स्त्रीलिज्ा या. नपुंसकलिड्ू किन्तु क्रिया एक सी रहती है यथा-- बालक क्रीडति बालिका क्रीडति ( बालक या. बालिका खेलती है ) बाल अपत्‌ बालिका अपठत्‌ ( लड़का पढ़ा लड़की पढ़ी ) । राष्ट्रभाषा हिल्‍्दी में क्रियाद्यों _ के रूप कतू वाच्य में कर्त्ता के श्रनुसार तथा कमंवाच्य में कर्म के श्रनुसार पुंत्लिद्ध एवं स्त्रीलिड्ू में बदल जाते हें । जसे लड़का पढ़ता है लड़की पढ़ती है श्रादि । क्रिया के विना कोई वाक्य नहीं हो सकता श्रौर प्रत्येक वाक्य में एक क्रिया होती हूं (एकतिड वाक्यम्‌) । संस्कत भाषा में लगभग २००० घातुएं हें श्रौर वे १० गणों (समहों) # में बंटी हैं । इनकी जटदिलता इस कारण बढ़ गयी है कि इनका प्रयोग तभी किया जा सकता हे जब दस गणों का ज्ञान हो श्रौर फिर प्रत्येक गण में ये घातुएं परस्लपद श्रात्मनेपद श्रौर उभयपद में विभक्‍त हें। पचति पचते भ्वादिगणीय है श्रौर हन्ति श्रदादिगणीय इनके रूप दोनों पदों में श्रलग-प्रलग चलते हें । इन्हों घातुद्मों के मूल रूप पठति अपठत चलते हें श्रौर इन्हों के प्रत्ययान्त रूप भी चलते हूं जसे णिजन्त में पाठ्यति (पढ़ाता है) श्रौर सन्नन्त में पिपठिवति (पढ़ने की इच्छा करता हू) श्रादि रूप चलते हैं । दस गण ये हे--(श) भ्वादि (२) श्रदादि (३) जुहोत्यादि (४) दिवादि (५) स्वादि (६) तुदादि (७) रुधादि . (८) तनादि .. (९) क्रयांदि श्रौर (१०) चरादि । ं




User Reviews

  • 10 GIRIJA SANKAR

    at 2020-10-10 05:59:57
    Rated : 10 out of 10 stars.
    👌👌👌
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