भारतीय औषधियं | Bharatiya Aushadhiyan khand - I

Bharatiya Aushadhiyan khand - I by शिव मंगल सिंह - Shiv Mangal Singh

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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दो शब्द स्व० कनेंल सर शार० एन० चोपडा एव उनके सहयोगियों द्वारा रचित इण्डिजेनस ड्रग्स नॉफ इण्डिया के द्वितीय सस्करण का हिन्दी भ्नुवाद भारतीय जौपधियाँ पाठकों के समक्ष श्रस्तुत करते हुए मुझे हार्दिक प्रसन्नता हो रही है । जिस समय यहू भनुवाद कार्य भारम्भ किया गया उस समय कोई मानक शब्दावली नही उपलब्ध थी । इतलिए अम्रेजी वैज्ञानिक शब्दों का अनुवाद स्व० डॉ० रघुवीर के भप्रेजी-हिन्दी शब्दकोश तथा भारत सरकार द्वारा छोटे-छोटे खण्डो मे प्रकाशित भलग-अलग विज्ञान के तकनीकी शब्दो के कोश के आधार पर किया गया । पर जब भारत सरकार द्वारा स्वीकृत तथा प्रकाशित विज्ञान शब्दावली (१९६६४ ई०) तथा आायुरिज्ञान दाव्धवली (१९६७ ई०) उपलब्ध हुई तो बहुत से बंज्ञानिक शब्दों के अनुवाद में परिवर्तन करना पडा और पाण्डुलिपि का पुनरीक्षण आवश्यक हो गया । इसी कारण पाण्डुलिपि को तँयार करने में विलम्व हुआ । प्रस्तुत पुस्तक में वैज्ञानिक धाव्दों के अनुवाद में उपर्युक्त दोनो शब्दावलियों का उपयोग किया गया है। पाठकों की सुविधा के लिए भावद्यक स्थानों पर हिन्दी के दाब्दो के साथ भप्रेजी के रूपान्तरित या मूलधब्द कोप्ठाकित हू । कुछ भावष्यक सूचनाएं यथास्थान टिप्पणी फुटनोट था कोष्ठ में दी गयी है। भेपजो के विभिन्‍न भारतीय भाषानों में प्रचलित नाम यथास्थान दिये गये हैं। अत आवश्यक स्थानों को छोड़कर इनकी सर्वश्र पुनरावृत्ति नहीं की गयी है। भाशा है इस पुस्तक से भारतीय औषधियों का जन-कल्याण में उपयोग होगा तथा उनका भचार-प्रसार भी बढ़ेगा । इसके हिन्दी सरकरण का अभाव दीर्घेकाल से खटक रहा था जिसका अनुभव वरिष्ठ मूल ग्रन्थकार वे भी किया था । इस सस्करण द्वारा इस अभाव की पुषि होगी ऐसा मेरा विष्वास है । ३१०५-७५ सकठा प्रसाद काशी अनुवादक




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