पद्मावती पुरवाल | Padmawati Purwal
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
40.73 MB
कुल पष्ठ :
702
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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आप चुरा ले रानें. में यदि पंचपाप स्यागका
ग्रश्न करें न जनक गाल शरत ने उठे एखे वि
रहे ही नौजवान निकलेगें
है? बे-वल संस्काग्का न देना टी शरण टै ।
इसलिये संस्कारकी रीति चलानेकी तफ सर
प्राजका ध्यान आकर्षिन पाना सातिये
; छूसका या कारण
इस के सिखा अपनी आजा पिकाओका सिल'
सिला मी पुस्ा दाना नापिथ 1 हक ऊउच य-
पौकि याग्य १. खर्ताऋ आजीनिकाको कुछ
लोग युरा लमसत्त ।.. परत इनामी बात जरूर
न कि उस पदाप!न ८) यदि चि साध दाने का
स्वयं कम रह यठी सम यरि मत्तदु-
कि करा करण हाय तो थे उसे सुर नर
मानना है. हम्परें तानिप जमींदा रोग बहुत
है। जार रमन दंत अाजीचिद' अपयुदयका
करण ८ « ,स्लिय या: +न ते जिंक जानी
पड़ी है ।
अपना ग्लाफा उपाय
पद्मावती पुर्वाल जाति मुख्यतासे तीन
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इन प्रातांक फ्ावती पुरवाल्डों ते सर डांदा-
1 माजवा प्रातम ;०८र है :
नागपुर प्रातमें ९८० हैं । वाकी मध्य प्रदेशम हैं !
मध्य प्रदेशकी संख्या सबसे अधिक है | नाग-
पुर प्रांतम बहुत ही कम हैं । चहांरी दशा देख-
नेसे मादूम हुआ कि सदिरहीं दूसरी जगह
उनकें संबंध न दोन लग गे तो बह संख्या घीघ
दी खतम रोजान चारा है
हू
जन बुल १३०० हैं
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फेसी दशाम कोई ऐसी तज्बज सोचनी
खादियें वि. जिससे उमकी बध्ता अर यदि ह
अनेक उपायामस पक यह मी उपाय हे कि
उनकी संततिके घिवादह संघ अपनी तरफ
किये जांय । इससे बघुत्य-प्रस मी चटेंरर अर
समूह दाकति भी बढ़यी । आप अपने चिच्ार दि!
यदि उदास बनावंग तो इसकी घहुत रे डी आर
इयकता तन पढ़ेगी . इसके लिय उधगव बच्चों
की सुपर उीक सान्दूम होनी चाहिये
हस्त कामसका मार दाद बारात साकाई
मंह्ागाचात अधवा दाउ राधानणा सकाय्स रोड
गा कर्डक [रा करा सा हटा -
र पार पड
जायरा ! मगर
पिचयय ररार्यलकं
रघुनाथदा सजी साले सर
फडाकार पफिन्थे बन में
गहंग्त कि सिरास सह घाग स्वालपीयर कै .
सालधा फ्रातिवां पुर :स्प्ो
मर्दमघुधारी पसिद्ध की 7 आर ने गपुर प्रात
तथा इस मपप्यप्रदेदादा सीप्ान पर पपरीस्टास
जीने तयार की है ' इस्वें, लिये समाज उनका
ऋणी है । यह ऋप चडुग -ए सहला था न
अब इस सुमारस्र यह सती ना सिवा
सादिये कि बय्च जी अधिघानिन ८ थे पसयथ
दॉसक । यद्द काम कोइ पांडे सार्थे
उचेनतो होसकता है '
कै रप्ना से
हैं शप
पॉंडोमें शिक्षाका प्रचार
यदि दोजाय तो बिषवादादि सबघा सुघार
बहुत कुछ होसकता हे! थे देख रहा हूं कि
बहुत कुछ शिक्षासे उपेक। उन लोगोंशो इॉरट:
है। इस कामपर मेरे सिअ्र पांडे मद! दीरखद्दा-
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