शिक्षा | Shiksha

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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चिषय-सुखी | मस्यर चिषय २९--पदार्थ-पाठ में घ्रॉर अधिक चीजें दामिल कर लेना चाहिए भार अधिक समय तक उन्हें प्रत्यक्ष दिखका कर शिक्षा जारी रखना चाहिए ३०--चीजों का प्रत्यक्ष दिखाकर दिक्षा देने की रीति के विषय में लोगो के म्रमात्मक चिचार प्रेर उनका खण्डल ४१--मानसिक दिक्षा के लिए चित्र बनाना सीखने की जरूरत ४९--बच्चा के चित्र खींचना सिखाने की रीति अह--खिध्न-घिद्या की चत्तमान प्रणाली भ्राोर उसके देप ३४--चिंत्रकला सिखलाने के प्रारम्भिक नियम ३५--ज्यामिति-दाख् की प्रारस्मिक शिक्षा देने के लिए घाइज साहब की घतकाई हुई रीति ३६-घाइज सादब की रीति से चित्रकला सिखलाने की सिफ़ारिश ग्रार उससे हेनिघाले फ़ायदे ३5-उ्यामिति-शाख्र की शिक्षा देने की रीति ३८--ज्यामिति-शाख की दिक्षा के मनारझुक मरा सुख-पाठ्य घनाने के विषय में अध्यापक टिंडल की राय ३९--ज्यामिति-शाख्र की प्रयोगात्मक शिक्षा के बहुत वर्षों तक जारी रखना चाहिए पार क्रम क्रम से कठिन आछ- तियें का बनाना सिखलाना चाहिए हानो चाहिए ४१--पूर्वोक्त बाते साधारण नियमें के अनुसार निदचिचित की गई दिक्षा-प्रणाली के उदाहरण मात्र हैं ४२-दिका के उन दो महत्त्व-पूणे नियमें पर विचार जिनकी सबसे अधिक अचदेलना देती है छद--आपही आप बुद्धि के बढ़ानेवाली दिक्षा से भ्रार और से सलाम ००० कक दि पृष्ठ २७९ श्ज्घ १७७ १७८ र्८ऐ श्द्षठ १८६ श्दट 3 श्थ्दे ०० ऐसे श०--ज्यामिति की प्रयोगात्मक शिक्षा के बाद शाख्रीय शिक्षा ९9 कै रथ २०७




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