निर्णयसिन्धु कृष्ण भट्ट कृत व्याख्या सहित | Nirnayasindhu krishna bhatt Krut vyakhya sahtih
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
192.93 MB
कुल पष्ठ :
772
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)प्रंथमपरिच्छेद्स्य- बिषयाः _ पृष्ठाछ्वाः पड यहा | विषया पृष्ठाद्माः पड थढ्का दद्यमीनिणय १६७०... ९ | वष्णवानां न कुन्नाप्येकादुशीब्रतत्यागः १८४. १३. एकादशीनिणय ९६८ ४ | वेष्णवपरिष्कारः १९८४. १६ झ्ेन जलपान निषेष १६८. ६ | वेष्णवस्मातिभिदेन दृदामीवेधनि- (९)कूमसू(९)करनामककन्द- रूपणमू ९८५. ८ भक्तणनिषेधः १६८. ६ | केंपाश्रिदधरात्र दशम्या वेंध १८५. ९९ एकादर्यां मोजन निषेध १६८... ७ | एकादशीविषयें वैष्णवम तनिरूपण मू ९८७ गृह रथ्रह्म चार्याहिताग्नीन में क ।[- एकाददीविषये रुमातमतनिरूपणमू १८९... ७ दया भोजननिषेधः १६९. ९ | गृहस्थयतिपरत्वनेकाद्द्ीविनिणयः १९०. ६ एकाद शीवतस्वरूपनिणय १६९... ४ | तिथित्रयकादशीब्रते क्रतुशत पुण्यमू १९९. १९ एकादशाब्रत शिवभक्तादिभिरपि निष्कामसकामपरसनकादशीविशेषः १९४. 1३ कायमू १६९... ७ | वेष्णवमते विशेष १९६... ६ एकादाज्तश्य नित्यतम् १७०. २. मोचकांकिण मते एकादशीनिणय १ ९९ . ६ एकाद्श्रतश्य काम्यलम १७८. ६ | ऋष्यय्रूड्ूमते एकाद्शीनि्णय २००... ९ गृहरुथस्य शुक्केकादशी्रतविधानसू ९७९. ३ | विद्धा्यों पयोद्धिकलानां सकृद्धझणमू ९००... ६ एकादर्शाब्रताकरणे दोष १७३ १० | ग्रहस्थेन एकादशी राजिशेष सक्रान्त्या।दषूपवास्निषेधः १७९. ५ त्रयोद्शी चेन्न कार्या ९०९ हे शयर्नाबोधिनी मध्ये कृष्णेकादशी । दिनक्षये सत्युपवासनिषेध २०९... ५ गदस्थेनेपे ध्या ९७२... ९ | देंशमीविद्धा एकादशी द्वादशद्वा- मोगसन्तानवर्षिनी झु्के कादशी दूशीफ हन्ति १०१९. ११९ गृहसमे कतेब्या १७३. ८ | जैयोद्यां पारणं धर्मापत्यधना- वेष्णवेरुमभयेकाद्शीबत कायम... ५७४. १ | चूषि हन्ति ९०९ १२ वेष्णवगृ हह्थपरत्वेन कृष्ण काद- बहुवाक्यावराधन सन्दद याद बज्तस्य।पि नित्यत्वसू १७४. ८ |. या पारणमू २१०१९. १७ उपवाप्तनिषेधे कलाहाराश्यबुज्ता . ९०६. ३ | सन्दिग्थेषु वाक्येघु द्वाददयां सम दशमीवधों द्रंध। १७६. ८ पोषणम का १११. ० दु्ञामीनियम १७७... ९ वधशत्न्दह पर दल ब्णवाश्नद्धन्तः१०१ १ अरुगोदयस्वरूपनिरूपणमू ९७७. .३ | पशम्यामेकादशी योंगे दज्ञमीम ध्य गृह हथस्थकादशीविषये घटिका- एवं झुन्लीत कम निनेयः ९५०... ६ | अधिकारिनिरूपणम् २०२ 1१ हेमाइिमते अरुणोदुयनिरूपणसू १७९... ५ | मचारी नारी च गृही च झुक्का- वैष्णवेकाद्शाब्रतल क्षणमू १८० १२ |. न डयात सर ४ बतध्नानि ८० १६ | पत्यो जीवति भ्रननुज्या खीणां तत्र प्रायश्षित मू १८४९. ४ |. तानवथ २०२. ६ गुज्ञादिपरिमाणनिरूपण मू ९८९ १६ | उपवसाशिक्तवकमक्तादिनिदेशः २०३. ९ डद्योपरिं द्शम्या विज्ैकादश दा .. | रण्डा यतिश्रेकादशीबत बिना झय- नवांथ प्रदत्त ९८४. ६ | तामिखे पच्यते. ९०३ १३ जम्मासुराय दत्तैकादशीस्वरूपमू ९८४ . ९ । टाइप एकमकादना कप २०४ १० ब्रताकरणे प्रायाश्रित्तम् ... दे०५. ३. (९) क्णगें (९) कोद इति महार। हे. प्रप्तेद्धभ न |काम्यबतविधिः २०५. ५
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