नारी विज्ञान | Nari Bigyan

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नारी विज्ञान by पं. विष्णुदन्त शुक्ल - Pt. Vishnudant Shukla

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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विषय-सूची । हानि--घ्रेय की आवश्यकता--धायोंकी म,खंता--भवुचिते हत्तक्षेप--प्रसवक्ते समय किन लोगोंकी उपस्थिति हानि- कारक होती है ?--पतिंकों प्रदूताके पास किस समय जाना चाहिये ?--प्रसवर्में कितना समय लगता है ?--प्रसवके: बादकी पीड़ाये”--उनके होनेका कारण--उन्दें रोफनेसे हानि--प्रसवकी तीन अवस्थाये--प्रारम्मिक अचस्थामें प्रसूताका कस व्य--द्वितीयावस्थामें प्रयूताका कत्तब्य-- प्या इन दो अवस्थामोंमें प्रसव-वेद्ना रोकना उचित है (-- तोसरी भवस्थामे प्रदूताका कत्त ब्य--चच्चेंको निकालनेके लिये जोर करनेका तरीका--प्रसवके समय धायका कस ध्य--प्रयूति गूद कैसा होना चाहिये १--प्रसव करनेके तरीके--प्रलवकों तैयारियां--प्रदूताके पेटकी सखफाई-- फ्रयूताके कपड़े--प्रयूंति भूद कितना गरम रदना चाहिये ?-- प्रवूति गूदकी :खिड़कियां आर करोखे--म्रसूति शूदमें किन लोगोंका रहना सावश्यक होता है ?--प्रसवके समय कसी घाय गीर कसी ख़ियोंसे प्रदूताकों दूर रखना चाहिये (-- प्रसव समय प्रदूताकी माताकों कहाँ रदना चाहिये -- प्रदूताका चित्त शान्त रखनेकी आवश्यकता--प्रसवके समय दाबटरका फत्त ध्य--शरावका उपयोग--प्रसवके समय प्रदूताका भोजन--प्रसवके समय वारम्वार पेशाध करते रहनेसे लाम--ऊोरोफाम का :प्रयोग-यद मयोग किस [ श्द 3




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