घरेलु इलाज | Gharelu Elaj

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Gharelu Elaj by रमेश वर्मा - Ramesh Verma

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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चाहरी कारणों से भी रोग पैंदा होते हैं । भ्न्दर के चिकारों को दूर करना आदमी के हाथ में हैं। बच आदमी की गलती ते पैदा दोते हैं । संत के कायदों को न जानने से दोते ई । उन पर मल सम करने से होते हैं । कुछ चातें एसी है जिन पर झादमी का पूरा काबू नहीं दोता । रोग के यहीं चाहरी कारण हैं । जहाँ वाद आई दो बहाँ सज्रिया फेलेगा । सखा पड़ने से भी रोग पैदा दोते हैं । हेजा, प्लेग, चेचक और ऐसे चूहुत से रोग खास समय पर फैलते हैं । इलाज श्या है ? जिन कारणों से रोग पैदा होते हैं, उनको न होने देना या उनके खिलाफ काम करना ही इतल्ताल है। रोग दूर करने से रोग न होने देना कहीं अच्छा हैं। रोग को आगे न बढ़ने देना चाहिये । इमके लिये परहेज ( पथ्य ) करना चादिये । रोग को कम या दूर करने के लिये दवाई देना चाहिये । जेंमे ही रोंग हो, वैसे दी उसका इलाज करना चाहिये । रोग में लापरवाद्दी या सुस्ती नहीं दिखानो चाहिये । इमसारे दस पास चहुत सी चीजें हैं, जो छुगरत ने पैदा ची हैं । सब तरद की जड़ी बूठी श्रार वमस्पतियाँ हैं।




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