बिहार एक एतिहासिक दिग्दर्शन | Bihar Ek Etihasik Digdarshan
श्रेणी : इतिहास / History, धार्मिक / Religious
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
9.35 MB
कुल पष्ठ :
380
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about श्री पृथ्वीसिंह मेहता - shree Prathvee singh Mehata
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)शीदददयों झध्याय पसामाप्य का उदय और अल ( १७१८-९५७५ ई्) पिद्ार के लोदानी अफगान यावर मुग्ों वी तीन पूर्वी -पयाँ घेर खाँ या उदय शेर--विद्दार या बेताज सुल्तान नर पाँ ब घगाल-सिरहुत णीतना हुमायूं वी वहाल-चढाई गौड़ दी गद्दी पर घेरशाद दोरयाद--उत्तर भारत का सपाद झोरशाह पी शामन-्पयस्या सटौमशाद अदाठी हुमारयू वी वापसी दौर ययु देग सुडेमार कर्रानी उदीसा का पतन अपयर पय दिद्वार-पिजय । २१९६-२७ पन््डदर्वाँ प्ध्याय सुगट-सान्ना्प का समृद्धि-युग ( १५७६-१७२० इ० ) विद्ार प्य सूया फटपुर्रों व फिदोद राजा मानर्मिह शार्गगद और परायू यूरोपियन व्यापारी शुरुगोषि दर्सिह भरगीपु्ाान और शुविदडरी सी पईपमियर । रभुभ- ३० सोलइयाँ श्ध्याय सादे शौर नप्रेज ( १७२०-१७६६ ई० ) राज दी बाय फेयर दिल से पूछा जाना अलीपरी जी गगरों पी पटरी राई रघुदी भोग और याटामीराप पेशया रपूरी दो रूसरी घर सएदो पा पगाट दिट्दार हो सौय पाना मोगौल थौर भरगाग शक भराटानदरपार पी दियालियां प्र
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