अलौकिक चिकित्सा विज्ञान | Alaukik Chikitsa Vigyan

Alaukik Chikitsa Vigyan by बी. वी. एटाकेनसन - B. V. Atacanson

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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। नाप बनता मानसि+ चिकित्सा पढिठा अध्याय एस्तक का अ्रमिधाय । इस पुस्तक में मानसिक चिकित्सा का विधिध रीतियें का क्रियात्मक बणन करने के हेतु सिद्धान्तो का बहुत, थोड़ा घिवरण किया गया है। चिकित्सक के झपना काम समभ, में छाने के 'झभिपाय से यत्र तत्र मुख्य सिंद्धान्तों का स्पष्टीकरण कर दिया गया है। इससे अधिकतर पद्धतियों का दी घन किया गया दै । थारम्स दी में यद कह देने में सार हैं कि इस चिकित्सा अ्णाली से कोई संप्रदाय स्थापित करने का बिचार , तहीं है क्योंकि सच्ची चिकित्सा का. प्रभाव पू्णरूप से - प्राकृत्तिक नियमों पर 'पवलस्वित है यह शक्ति इतनी यथाथें है जितनी कि विद्यव शक्ति । झतएव सब प्राकृतिक नियम इदवर निमित होने से मान्य और पूज्य हैं। पाइचात्य देशों में चिकित्सा करने वालों में भिन्न ९ संम्मदाय बना डालने की प्रवृति दे र प्रत्येक संप्रदाय दावा करता है कि उसकी चिकित्सा-विधि विशेष वैज्ञानिक नियमों पर अवलस्वित होने से शीघ्र अपना प्रभाव प्रकट करती हे । वह यह न देखता और न-मानता है कि झन्य ढंगे से काम करने वाले भी चिकित्सा करके रागियें के आराम पहुंचाते हैं। प्राच्य देशों में इस तरद का दुस्भ नहीं दै।'यदां सदुष्य के बास्या-




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