स्वास्थ्य नियम | Swasthya-Niyam

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Swasthya-Niyam by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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( ११ (२) स्वास्थ्य हे व्यवर एस ज़मीदार ने एक मास का समय बडी चेचेंनी से काटा । एक एक दिन वर्ष सा लगता था । रातो तारे गिन कर सचेरा करता था और सोचता था कि किस प्रकार एक मास की शव्धि पूरी हो, और वह झपने प्यारे बच्चे को देखे । परमेश्वर का नाम लेते लेते यह समय पूरा हुआ श्मौर जमीदार प्रसन्न २ डाक्टर साहव से मिलने और अपने व्यें को देखने के लिये झाया श्ौर डाक्टर को सूचना दी । डाक्टर साहव जमीदार का सल्देशा पाकर अपने मिलने के कमरे से छाकर बैठ गये । रामदीन के पिता को भी घुला लिया । प्ले तो रामदीन का सब हाल कहा उसके पश्चात इधर उधर की वातें होने लगी । ज़्मींदार ने रामदीन को एक चारगी विल्कुल नहीं पहिचाना, किन्तु रामदीन पिता को देखते ही आकर लिपट गया आर पहली वात जो उसने कही वद्द यद्द थी, कि डाक्टर साददव ने मुमे झच्छा कर दिया[[ डमीदार को उस समय जो प्रसन्नता हुई उसका वणुन नहीं किया जा सकता । उसको विश्वास न होता था कि यह वही रामदीन हैं जिस को एक मास हुआ वह मृत्यु के निकट छोड गया था श्औौर जिसके जीवन के विपय में चहुतेरे हकीम श्औौर वैद्य निराश हो कर जवाव दे चुके थे ।




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