स्वास्थ्य शिक्षा एवं शारीरिक शिक्षा शिक्षण | Swasthya Shiksha Avam Sharirik Shiksha Shikshan
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3.63 MB
कुल पष्ठ :
211
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about प्रो हेतसिंह वघेला - Prof. Heatsingh Vaghela
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)व्यक्तिगत स्वास्थ्य के लिये श्रवाछित श्रादतें (1) जहाँ तहाँ थूबना नहीं चाहिये । पान खाने की झादत नहीं डालनी चाहिये । पान से दाँत मैले झीर कमजोर हो जात हैं हर कही थूवन स गंदगी के साथ साथ वीमारी भी फलती है । (2) उठने-बैठने के गलत सरीवे रीढ़ की हट्डी को श्रागे वी श्र ुवा देते है । कुककर बठना ढीले ढाले तौर पर भुरकर खड होता भौर चलना दोपयुक्त मुद्दाएं मानी जाती हैं । भुक्कर बेठने से वक्ष का विकास नहीं हा पाता इससे शरीर के विकास भौर रचना पर युरा प्रभाव पड़ता है 1 (3) बाजार को खुली चीजें खाना ग दी भादत है इसी तरह चाट पवीड़ी खाना भी भ्च्छी भादत नही है । (4) सिगरेट पीने से हामियाँ --सिंगरेट पीने वी श्रादत से भुधने की शक्ति मत पड़ जाती है । इसम निकोटीन नाम का एक प्रकार का जहरीला रसाथन होता है जो फेफडो को खराब करता है । इससे सिरदद सिर मे चवकर भाना श्रथवा भ्रनिद्ा रोग उत्पन्न हाता है तथा हाथ कापना दम फूलना हृदय की गति तीप्र होना झादि लक्षण भी भधिव सिगरेट पीने से होते हैं । बहुत भधिव सिगरेट पीने से मुह व फेफडो के कसर तक हो जाते हैं । सिगरंट के सेवन से मनुष्य की सोचने को शक्ति नप्ट हो जाती है । (5) शराब से हानियाँ--श्रधिक शराब पीने से मनुष्य नि क्रय हो जाता है । गुरू म थोड़ी सी स्फूति का वोध होता है यह भी उच्चतर स्नायविक फेद्वी वे प्रभावित होने के वारण होता है। जब वह प्रभावित स्नायु वेद हनायु मण्डल से शराब के प्रभाव के कारण ध्रलग हो जाता है तब पीते घाला झादमी झाह्म-सम्मान भ्रौर उचित श्रनुचित की भावना से मुक्त हो जाता है भौर वह हर तरह के उल्टे सीधे काम करने लगता है । राव से पौप्टिक शक्ति तथा त्ततपमान जो थोडा बहुत प्राप्त होता है चह श्रत्यस्त भ्रस्थायी होता है । जरूरत से भधिक बोलना श्रौर शरीर में वम्पन होने जे से लक्षण शराब के विपते प्रभाव के कारण होते हैं शराब पीते ही उसका कुछ भाग पंकवाशय वी दीवारा से छनकर सीधे रक्त प्रणाली मे चला जाता है गौर शेष भाग प्राय छोटी झातो मे घला जाता है श्रत उस पर पाचन प्रक्रिया द्वारा बिसी तरह का परिवतन नहीं हो पाता रक्त की घारा से इस प्रकार मिल जाने के बाद वहू शरोर के कौपा भर श्रयों को भेदकर श्ाव्सीकरण प्रक्ा के द्वारा कायनडाई श्रावंताइड श्रौर जल उत्पन्न करता है और इसका लगभग 0 02 भाग ही गुर्दों श्र फेफडो के द्वारा सीधे दाहर निकल पाता है। शरीर की सतह पर । दे डर
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