टॉम काका की कुटिया | Tom Kaka Ki Kutiya

Tam Kaka Ki Kutiya by महावीर प्रसाद पोद्दार - Mahavir prasad Poddar

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about महावीर प्रसाद पोद्दार - Mahavir prasad Poddar

Add Infomation AboutMahavir prasad Poddar

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
पहला परिच्छेद । श्द्‌ क्या करे' । मेम साहव जानती थीं कि शेल्वी साहव दयाल्ु हैं । इसी से उसने इलाइजा को सरलता से इस प्रकार धीरज वैँधा दिया था । स्वप्न में भी उसने नहीं साचा था कि उसके स्वामी ऐसा करेंगे; श्रौर तो क्या, इलाइजा की वात का उसने जरा भी ख्याल न किया । इसी से उसने अपने पति से इन बातों की चर्चा तक न की । झोर उस दोपहर को वह किसी पड़ोसी के यहाँ मिलने चली गई ।




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now