बुद्ध चरितावली | Buddha Charitawali

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Buddha Charitawali by श्री रामचंद्र लाल - shri ramchandra lal

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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द्‌ जेट श८ श८ श८ भ८ बट ८ (2 आनल्‍्हा हर जे मर मर मर मर भर मर भार 2 ( बाल लीला ) जेहि छिन जनम छियो धरती पर पचो सुनहु बुद्ध भगवान सात डेग उत्तर दिशि चल के बोलेउ वचन सहित अभिमान | आदि पुरुष हमही को जानो हमही सबसे श्रेष्ठ महान दमदी सबके विपति मिटइवे करवे हरौमाहि जगत कटयान । बचन सुनत सगवन के इतना धघरती माता लगी. जुडान अधिक उछाह बढा लोकन मे गहद गह गह गह बजइ निखसान । जय जय जय बोलहि नर नारी देव पितर गन्धब तमाम बरसि फूल माथा. सब टेक सो सौ बार करहिं परनाम | खबर पाइ झुद्धोवन धाए मन उमग फछु वरनि न जाय लुस्बिनि बन भगवन जहँ जनमे पचो पल में पहुंचे आय | जगमग छवि निरखत छाछन कै छठोभी नयना नहीं अघाय उधर देव आनद . मनावै वीणा सख स्ृदग बजाय |




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