पी कहा ? | Pee Kha ?

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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पी कहाँ ? श्९ फ़ैजन--में समझ गई। अच्छा, फिर अव इसका इलाज वया ? यह तो सर जो कुछ हुआ वह हुआ! गय एक वात जो बहुत ही जरूरी है, वह बताओ । यह पपीहा कहाँ से आया? हम सबको हैरत हैं कि यह क्या बात है। किसी की कुछ समझ ही में नहीं आता । हमारी जान तक हाज़िर है--तुम्हारे छिये जान तक हाजिर है। मगर खुदा के लिये वता दो कि यह वात क्या हूँ। लड़का--अरी वहन, मुझे खुद नहीं माठूम ! तुम लोगों ने मुझे किस हालत में देखा। ढूढ़ती हुई आई थीं ना, और यह जानवर मेरे हाथ में पाया--उस वक़्त यह बोलता था या नहीं ? फ़ैजन--क्या आप सब भूल गई! अरे ! (अपने गालों पर थप्पड़ छगा कर) क्या आप सब भूल गये? लड़का--(मुस्कराकर) वाह, फ़ैजन, वाह! फ़ैजन--सरकार माफ़ करें ! मगर अब... - खुदा के वास्ते, सोच काके, गौर करके, इतता वता दीजिए कि यह पपीहा कहाँ से आाया ! लड़का--अम्मीजान की कसम, मुझे नहीं मालूम । फ़ैज़न--प्यारी ! आओ प्यारी! जरी दुलारी और सितारन को वुला लो। और तुम भी आओ। प्यारी ने सितारन गौर दुलारी को युलाया और उनके पास गई। फ़ेंजन ने कहा--छुम सबको बड़ी से वड़ी क़सम, सच-सच बताओ, यह पपीहा कहाँ से माया । पिंजड़ा तो हमने मँगवाया, यह तो खूब याद है। मगर रात को यह जान- चर कहाँ से माया । या मेरे भल्लाह, यह कया वात हूँ 1. . . . . सरकार, कुछ तो बताइये । लड़का--हाय, में किससे अपने दिल का हाल कहूँ। मुझे जो सबसे ज़्यादा प्यारा है, उसी के मरने की कसम खा लूँ कि मुझे कुछ भी याद नहीं है। भम्मी- जान और | अब्वा से बढ़के तो कोई नहीं । उनकी कसम खा लूँ। और अगर अब भी यकीन ने आये तो कहो--उसकी कसम खा लूँ! फ़ेंजन--(सुस्कराकर) खूब समझी। कोई गेंवारन मुक़रर किया है! मुझे इस वक़्त जरा हँसी आ गई। मगर डर लगा, कि कहीं आप खफ़ा न हो जायें। एक आँख से रोते हैं, एक आँख से कभी-कभी हँसते भी हैं। लड़का--इसमें हम वयोंकर वुरा मान सकते हैं। हँसते भी हें, रोते भी हैं। सभी कुछ करते हूँ। अरी वहन, मर-मिटने की वात है ! इतने में इत्तफ़ाक़ से एक सिक्ख आया । मालियों और मालिनों की राफ़लत से दुर्रता हुआ चला आया। उसने जो इस लड़के और: फ़ेंजन को देखा तो अशु- अथय करने लगा। ये सब तो उस अजनवी आदमी को देखकर नजर से ओझक हो गथे, और वह दिल को मसोस-मसोंसके रह गया, और वहीं खोया-खोया-सा खड़ा रद गया। इतनें में एक आदमी से आफके कहा--सिंहजी, वाहर जाइये !




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