स्मृति सन्दर्भ [भाग 2] | Smriti Sandarbha [Volume 2]

Smriti Sandarbha [Volume 2] by विभिन्न लेखक - Various Authors

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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८. निन्‍्द्य जाझणवर्णनमू | ..... जो ब्राह्मण न लिखे पढ़े तो उन्हें पतित आः बिना ता द्वान ब्राह्मणों के पृ | १९ ] अध्याय प्रधान विषय पूषाछु किसी का मत है कि बीमारी से किसी ख्री का रज निकढता हो तो उसे अशुद्ध नहीं मानते हैं. ( १८ ) । कॉस्य) मिट्टी आदि के पात्र एवं वस्लों की शुद्धि के सम्बन्ध में बताया है ( १४-३४ )। सड़क में पानी; नाव और पक्के मकान इनको शुद्ध बताया है इनको अश्ुद्ध नहीं कहते हैं ) (३६)। टूद्ध स्त्री और छोटे बालक ये अशुद्ध नहीं होते हैं। पापियों के साथ बातचीत करने पर दाहिना कान छू देने पर शुद्धि बताई गई है ( २७ समात्ति ) । ८. धर्माचरणबणनम्‌ । ६४४ प्रथम श्होक में गाय को बाँधने से जो सत्यु हो जाय. उसके प्रायश्चित्त के सम्बन्ध में है । .. पाप की व्यवस्था कराने के छिये धर्माधिकारी परिषद्‌ _ का वर्णन है ( २-२१ ) . ' प्रायक्षित्त है (र२-र४)। पशथ्च यज्ञ करनेवाके और ण की प्रशसा (२८-३१ ) । राज को . के पूछे स्वयं व्यवस्था नहीं देनी.




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