डाली नहीं फूलती | Dalee Nahi Phultee
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
9.5 MB
कुल पष्ठ :
151
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)जोने क लिए २१ छर छर्रर्रर छर-पिसाव कुछ ऐसा ही पिसाव गहरे कुएं के पानी में अचानक बात्टी डुबो देने का स्वर रात के एकाकी-पन में कैसी झ्रजीब- सो भ्रनुभूति भर देता--खाली-खाली श्रौर उदास एकाएक अपने ऊपरी होठ के अ्रगले भाग में खारेपन का स्वाद पाकर अ्रहमद मियाँ चोके भ्रौर भ्रनायास ही लरजने लगे अपने निचले होठ को गहरे दाँतो से काट लिया-- -या अल्लाह उनकी सीधी-सादी बहू भी भूठ बोलती है
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