श्री पिंगल - पीयूष | Pingal Piyush

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Book Image : श्री पिंगल - पीयूष  - Pingal Piyush

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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श्रीं पिज्नल-पीयूप पहला अध्याय रचना के भेद किसी भी मापा के सादित्य को यदि इम देखें तो जाना जाता दे कि रचना दो प्रकार की दे :-- एक गद्य थौर दूसरी पद गय--जिस रचना में '्रक्करों या मात्रादों की नियत संख्या या परिमाण का वन्धन से दो, और जिसमें 'यपने मनोगत भाष को प्रकट करने के लिए इच्छाजुसार चादे कितने भी 'अत्तरों या मात्रा्ों यो प्रयुक्त किया जाय, उसे गद्य कददते हैं । सैसे--पेमाधम/ सेवासदन शया धन्य उपन्यास 1 शघ रचना में छेवल उपन्यास ही नददीं, बल्कि सभी धकार का सादित्य जिसमें अपरों माधाधों का धन्पन से दो, पाता दे । दिन्दों में हृतिहास, धर्यरास्थ्र चोर मूल ध्ादि अनेकों दिएयों दर शच में डिखे हुए पम्प मिलते मेमान युग में गद्य दो की प्रघानता होने भगी दे।




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