नीति प्रदीप | Niti-pardip

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Book Image : नीति प्रदीप  - Niti-pardip

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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श्र “पा “ाणाणणणणणणणाण कननयलदयप्यन्य्यभणययं य 2252-55 सिवाय जितनी काम मैं तत्परता मनोहर है री | । जार काई बस्न वाखित नहीं सर यह भी जानते | न | रहा कि जो चुस्टोरे कार्य में ठील पाई जायबी तो. मनुष्य छुम को सरागा जॉन्घो और जो तुम्हे काम न ं में संबेटी नर वफ़ादपी श्रोर्‌तत्परता प्रघट | होगी जो तंम्हारी अनार मे कुक भी संदेह नही । प दूरूधा मदुद्यें से उलाहने सुनेजात हैं कि मतुस्यों का नोकरी सही मिलती सो लिश्बय था कि ड्स विवादर्मे उन का कहना सच दावा पांलु कस. कुछ संशय ठाही है रि नोकरों योर नायें को | जो 'च्छ स्वासी मिलन सहज हैं परन्तु स्ामियों | को सच्च नोकर या नायब मिलने वहत कर्िन हैं | चोधा पाठ ं > एटाए 2 न पथ 1 । िडडटटटटसयाायययप्प




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