भारतीय कला संस्कृति के नवीन आयाम | Bharteey Kala Sanskriti Ke Naveen Aayam

Bharteey Kala Aur Sanskriti Ke Naveen Aayam by मोहन लाल चढार - Mohan Lal Chadhar

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

मोहन लाल चढार - Mohan Lal Chadhar

डॉ. मोहन लाल चढार का जन्म एक जुलाई 1981 ईस्वी में मध्यप्रदेश के सागर जिले में स्थित पुरातात्विक पुरास्थल एरण में हुआ। इन्होंने डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर मध्यप्रदेश से स्नातक तथा स्नातकोत्तर की उपाधि प्राचीन भारतीय इतिहास संस्कृति तथा पुरातत्व विषय में उत्तीर्ण कर दो स्वर्णपदक प्राप्त किये तथा इन्हें डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर द्वारा गौर सम्मान से सम्मानित किया गया। इन्होंने भारतीय इतिहास, भारतीय संस्कृति तथा पुरातत्व विषय में नेट-जेआरएफ, परीक्षा उत्तीर्ण कर सागर विश्वविद्यालय से एरण की ताम्रपाषाण संस्कृति: एक अध्ययन विषय में डाक्टर आफ फिलासफी की उपाधि प्राप्त की तथा विश्वविद

Read More About Mohan Lal Chadhar

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
भारतीय कला संस्कृति प्राचीन काल से विविधतापूर्ण रही है। प्राचीन काल से आज तक भारतीय संस्कृति में अनेकता में एकता के दर्शन होते रहे है। प्राचीन काल से कला एवं संस्कृति की दृष्टि से भारत भूमि काफी समृद्धशाली रही है। यहाँ पर कला, संस्कृति व पुरातत्व के विविध नवीन सोपान देखने को मिलते है। सम्पूर्ण विश्व की प्राचीनतम कला संस्कृति, भाषा शैली, लेखन शैली के प्रमाण यहाँ से मिलते है। भारतीय परिप्रेक्ष्य में प्रागैतिहासिक एवं आद्यऐतिहासिक कला संस्कृति के विविध पुरावशेषों के माः यम से हमें प्राचीनतम् कला एवं संस्कृति की जानकारी मिलती है। भारतीय परिदृश्य में वैदिककाल, महाजनपदकाल से लेकर मौर्यकालीन, शुंगकालीन, सातवाहनकालीन, कुषाणकालीन, शक-क्षत्रपकालीन, गुप्तकालीन, पूर्वमध्यकालीन एवं उत्तर मध्यकालीन कला संस्कृति से सम्बन्धित अनेक पुरावशेष प्राप्त हो चुके है। इससे स्पष्ट होता है कि विश्वस्तर पर प्राचीन रीति रिवाजों, परम्पराओं एवं मानवीय विकासक्रम को समझने के लिए भारत की कला संस्कृति ने एक नवीन दृष्टि प्रदान की है। भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से नवीन तथ्यों का समावेश होता रहा है। प्रस्तुत ग्रन्थ में भारतीय संस्कृति से सम्बधित नवीन आयामों की विशद चर्चा उच्चकोटि के शोध पत्रों के माध्यम से की गई है। यह ग्रन्थ भारतीय कला संस्कृति के नवीन आयाम शीर्षक से निकाला जा रहा है। इस ग्रन्थ में मध्यभारत की कला, संस्कृति त । इस ग्रन्थ में मध्यभारत की कला, संस्कृति तथा पुरातत्व के शोध परख आलेखों को समाहित किया गया है। इस ग्रन्थ में देश के विभिन्न पुरातत्व व संस्कृति के विद्वानों के कुल 32 शोध पत्र संकलित किये जा रहे है।




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now