मानस बोध | Manas Bodh
Book Author :
Book Language
मराठी | Marathi
Book Size :
6 MB
Total Pages :
81
Genre :
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No Information available about गंगाधर सीताराम अभंग - Gangadhar Sitaram Abhang
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(Click to expand)आ आ
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(१०)
1 जयासी रुचेना मना सद्य गोड़ ॥ २८ ः
॥ मना सर्वदा मिष्ट बागी द्दे दो ॥
1 परा नादि लावूनियां दु:ख देतो ॥
॥ करा मित्र ह्योवोनियां हेतु भंग ||
॥ असत्याय' तो) काय ज्याचा अभंग || २९
॥ अशा दुभती मोड जाही फसावे ॥ ।
॥ करोनी सना आत्म-हानी बसावे ॥
)| मना दुर्जनांचा घडाश् न संग ||
॥ धरी मागं ऐसा न यावा प्रसंग ॥ ३० ॥
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मै जयाचे नियोग माति भ्रष्ट होते ॥
५ धनाची वपूची सदा हाने हो-ते ॥
॥ ञशाः दुर्जनाचा नको संग बापा ॥
1 सिऊनी रहावे तया जवे सापा ॥ ३१ ॥
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