लाल चोंच वाले पंछी | Laal Chonch Wale Panchhi
श्रेणी : काव्य / Poetry
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
220 KB
कुल पष्ठ :
112
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about लक्ष्मी कान्त मुकुल - Laxmi Kant Mukul
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)यहां अब नहीं हो रही हैं सेंधमारियां बगुले लौट रहे है देर रात अपने घोसले में पहुंचा रहे हैं कागा परदेश तक संदेशा कई सालों से गूंगी नहीं है उल्लुओं को चौत्कार किसी वारदात का वहां अता-पता तक नहीं
चमीचवा खुश दिख रहा है इन दिनों उधेड़ते हुए मरे पशुओं की आखिरी खाल हड्डी बीनने वाले लोग अदहन पर चढ़ी दाल में नमक सिश रहे है
राह चलते पेड़ के पते झड़ने लगे हैं खेतों में दम तोड़ती नदिया सोख ले रही हैं पहली ही बूंट में पानी की धार बादलों के टुकड़े बझ रहे है आख मिचौनी के खेल में मकई की लंबी गांठों की ओट में दुबका
User Reviews
No Reviews | Add Yours...