आज बस इतना ही | Aaj Bas Itna Hi
श्रेणी : गजल व शायरी / Shayri - Ghajal
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
15.9 MB
कुल पष्ठ :
104
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)2010 के दशक में जब मैं पहली बार आभासी दुनिया से जुड़ा तो मन में
जहाँ एक ओर इस दुनिया के नकलीपन का अहसास था तो दूसरी ओर यह
विश्वास भी था कि इस दुनिया में जिन पुराने नए-दोस्तों से मैं संवाद कर रहा हूँ वे
काल्पनिक नहीं बल्कि हाड़-मांस से बने असली इंसान हैं और रचनात्मक स्तर
पर उनकी हर प्रतिक्रिया मेरे लिए बहुत मायने रखती है, तो इस तरह दोस्तों !
फेसबुक पर मेरा रचनात्मक सिलसिला शुरु हुआ जो कुछ समय तक एक जुनून
की हद तक चलता गया -
ये क्या जुनून है तू रोज़ सुबह उठता है
जुलाहा बनकर फिर तानाबाना बुनता है
इस तरह हर दिन/आये दिन कुछ नए शेर/नई शायरी लेकर मैं अपनी
प्रोफाइल वाल पर उपस्थित हो जाता यह जानते हुए भी कि
किसको फुरसत है तेरी बात रोज सुनता रहे
सबको हर दिन लगे हैं अपने अपने काम यहाँ
फिर भी तू बोलता रहता है पागलों की तरह ब्त क्या पाल लिया तूने सुबह शाम यहाँ
पर जुनून तो जुनून है. मैं जो भी लिखता उस पर प्रबुद्ध मित्रों, अदीबों,
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