इलेक्शन गाथा | Election Gatha
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
900 KB
कुल पष्ठ :
142
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about ऋषभदेव शर्मा - Rishabha Deo Sharma
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)इलेक्शन गाथा
भारत में चुनाव कैसे जीते जाते हैं? भारत का प्रजातंत्र कैसे आगे बढ़ रहा है और कौन इसे पीछे धकेल
रहा है? क्या यहाँ जुगाड़ काम करता है ? ऐसे बहुत से सवाल आपके मन में इस चुनाव को लेकर भी उठते
होंगे। हम भारतवासियों की रग रग में इलेक्शन समाया हुआ है क्योंकि हम इसे प्रजातंत्र से साक्षात्कार का
आसान तरीका समझते हैं।
पान की दुकान से लेकर प्राइम टाइम के दंगल तक जब आपको कोई ठीक-ठिकाने की बात सीधी तरह
से न समझा पाए तो आप इस 'इलेक्शन गाथा' के पाठ द्वारा राहत पा सकते हैं। यहाँ आपके लिए आपकी भाषा में कुछ अनसुलझे समीकरणों का सुलझाव है, और है इस महाप्रपंच का रोजनामचा जिसे बीते एक वर्ष के दौरान लिखा गया है। हमारे चुनावी माहौल में बहुत कुछ उल्टा-सीधा होता है और इसे सीधा करके दिखाने का काम इन संपादकीयों के द्वारा किया गया है। यह “अपूर्ण है, क्योंकि इसे आपके
पाठ और अनुभवी कमेंट की दरकार है। आप ही इसे पूर्ण कर सकते हैं।
डॉ. ऋषभदेव शर्मा (1957) पिछले कई वर्षों से भारतीय चुनावों, राजनीति और ज्वलंत सामाजिक-आर्थिक
मुद्दों पर पक्षपात रहित होकर प्रामाणिकता से लिखने के कारण देश के चर्चित चिंतकों में भी गिने जाने
लगे हैं। हिंदी कविता में तेवरी काव्यान्दोलन के पुरोधा कवि और हिंदी भाषा तथा साहित्य के मर्मी विद्वान प्रोफेसर एवं लेखक तो हैं ही।
छोटे मुँह बड़ी बात है फिर भी कहे देते हैं कि इन टु द पॉइंट, सरल और निष्पक्ष -निरपेक्ष दो-दो पेजी
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