विशालकाय भूल | Vishalkaya Bhool

Vishalkaya Bhool by अरविन्द गुप्ता - ARVIND GUPTA

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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“यैचर, मह अच्छा अिसय है,” वऩता ने कहा. “छु ट्टिमों भें कयने के लरए तु म्हाये ऩास कोई काभ होगा.” “टेरीविज़न देखने भें क्मा फ ुयाई है?” भनैं े ऩ ूछा. वऩता ने त्मोयी चढाई. “तु म्हें फाहय स्िच्छ हिा भें जाना चाट्टहए.” “रेककन भ ुझे ऩ ुयातत-्जो-क ु छ-बी-हैंऩसॊद नहीॊ हैं. िह उफाऊ होते हैं.”




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